ठाकरे सरकार हो गई है वसूली सरकार

ठाणे | महाराष्ट्र की ठाकरे सरकार ऐसा लग रहा है कि यह महाराष्ट्र की सरकार नहीं केवल मुंबई महानगर की सरकार है इसी का नमूना है कि यह सरकार किसानों के हित के लिए काम करने से तो कतराती ही रही है लेकिन किसानों के लिए एक सकारात्मक शब्दों का इस्तेमाल भी नहीं कर रही है ऐसे सनसनीखेज आरोप लगाते हुए भाजपा विधायक संजय केलकर ने कहा कि महाराष्ट्र और कोकण में किसानों ने जो प्राकृतिक आपदा झेली उसकी भी याद हशसरकार को नहीं है जिस कारण सार्वजनिक मंच हो या विधानसभा भवन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे किसानों की हित के लिए एक शब्द का भी इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं पत्रकार परिषद में इन बातों की जानकारी देते हुए विधायक संजय केलकर ने कहा कि आज कोकण के किसानों की क्या स्थिति है इसे बताने की आवश्यकता नहीं है सारी दुनिया को यहां की दुर्दशा की जानकारी है इस अवसर पर ठाणे ग्रामीण जिलाध्यक्ष किशन कथोरे और ठाणे जिलाध्यक्ष विधायक निरंजन डावखरे , राज्य सचिव संदीप लेले , ठाणे ग्रामीण महासचिव नितिन मोपे और उपाध्यक्ष सागर भदे आदि उपस्थित थे |

कोंकण में हाल ही में हुई भारी बारिश ने यहां हाहाकार मचा दिया , महाड़ और चिपलून जैसे कई इलाकों में कई परिवारों, दुकानदारों और व्यापारियों को भारी नुकसान हुआ , ठाकरे सरकार ने जहां इन लोगों की मदद की घोषणा की , वहीं उसने तुरंत व्यापारियों को बीमा कंपनी को 50℅ रुपये का भुगतान करने का आदेश दिया लेकिन ये आदेश केवल कागजों पर ही रह गए , किसी भी प्रभावितों को कुछ भी नहीं मिला , महाराष्ट्र में किसान काफी संकट में हैं लेकिन ठाकरे सरकार केवल वसूली के लिए काम कर रही है सरकार के शुरुआती आंकड़ों के मुताबिक भारी बारिश से राज्य में 55 लाख हेक्टेयर से ज्यादा कृषि भूमि को नुकसान पहुंचा है दरअसल बाढ़ के कारण 100 लाख हेक्टेयर से अधिक फसल पूरी तरह से नष्ट हो गई है और कृषि भूमि बंजर हो गई है और ठाकरे सरकार 10,000 रुपये प्रति हेक्टेयर की फर्जी सहायता के नाम पर किसानों का मजाक उड़ा रही है राज्य के किसान निराश हैं क्योंकि घोषित सहायता का एक अंश भी किसानों तक नहीं पहुंचा है इन बातों की जानकारी देते हुए विधायक केलकर का कहना है कि निराशा की स्थिति में प्रभावित किसान पूरे राज्य में आत्महत्या करने को विवश हैं लेकिन राज्य की ठाकरे सरकार चुप्पी साधे बैठी है यह गंभीर चिंता का विषय है |

भारी बारिश के कारण जब सोयाबीन की फसल बर्बाद हो गई जबकि किसान पहले से ही मिलावटी खाद , घटिया बीज और धोखाधड़ी का शिकार हो रहे हैं वहीं अत्यधिक बारिश के कारण हाथ की फसल बर्बाद होने पर ठाकरे सरकार खामोश है यह सरकार प्रभावित किसानों को किसी भी तरह की आर्थिक मदद देने के लिए उतावली नजर नहीं आ रही है इन बातों का जिक्र करते हुए भाजपा के ठाणे शहर जिला अध्यक्ष निरंजन डावखरे ने किया , उन्होंने कहा कि सरकार की जो नीयत है उससे स्पष्ट हो रहा है कि इस दिवाली में भी किसानों के घर प्रकाश की जगह अंधेरा ही छाया रहे , यही उसकी उनकी मंशा है आगे डावखरे ने कहा कि सरकार ने गन्ना उत्पादकों को भी अधर में छोड़ दिया है क्योंकि गन्ना पर सरकार की नीति निर्माताओं का विशेषाधिकार है हालांकि संकट से जूझ रहे किसानों के लिए सरकार की सहानुभूति खत्म हो गई है सरकार के मंत्री अशांत जनता के लिए कुछ भी किए बिना स्थिर सरकार बनाने की व्यर्थ राजनीति में तल्लीन हैं लोगों का सरकार पर से विश्वास उठ गया है क्योंकि उसे किसानों की दुर्दशा जानने में कोई दिलचस्पी नहीं है ऐसे आरोप डावखरे ने लगाए |

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