रिटायर्ड अधिकारी के लीडरशिप में लड़ रहे हैं आतंकवादी
श्रीनगर | भारतीय सुरक्षाबल के जवान जम्मू-कश्मीर में पुंछ के भट्टा दुर्रियां जंगल में आतंकियों को ढेर करने में लगे हुए हैं माना जा रहा है कि ये वेल ट्रेन्ड आतंकी पाकिस्तानी सेना के रिटायर्ड अधिकारी की लीडरशिप में लड़ रहे हैं वही इन्हें गाइड कर रहा है और लड़ना सिखा रहा है आपको बता दे कि यह ऑपरेशन 11 अक्टूबर को शुरू हुआ , आज 16वें दिन भी सुरक्षाबलों और आतंकियों के फायरिंग हुई , यह लगातार चलने वाला सबसे लंबा एंटी-टेरर ऑपरेशन है इससे पहले दिसंबर 2008 और जनवरी 2009 के बीच लगातार 9 दिन तक एंटी-टेरर ऑपरेशन चला था , सेना के मुंहतोड़ जवाब के चलते आतंकी भागने को मजबूर हो गए थे तथा सुरक्षाबलों ने ‘वेट एंड वॉच’ की नीति अपनाई हुई है जवानों ने अब तक 4 आतंकियों को मार गिराया है सेना के 9 जवान इस ऑपरेशन में शहीद हुए हैं जिनमें 2 JCO भी शामिल हैं 11 अक्टूबर को आतंकवादियों ने एक तलाशी दल पर घात लगाकर हमला किया जिसमें पुंछ के सुरनकोट जंगल में एक JCO समेत 5 सैनिक शहीद हो गए थे , इसके बाद सुरक्षाबलों के भाग रहे आतंकवादियों को मार गिराने के लिए घेराबंदी और तलाशी अभियान बढ़ा दिया , 14 अक्टूबर को आतंकवादियों ने फिर से हमला किया और मेंढर के नर खास जंगल में आतंकवादियों के हमले में एक Junior Commissioned Officer (JCO) सहित 4 सैनिक शहीद हो गए |
आपको बता दे कि रविवार को 2 पुलिस अधिकारी और एक जवान घायल हो गए , भाटा धूरियां इलाके में हुई मुठभेड़ में लश्कर ए तैयबा के पाकिस्तानी आतंकी की मौत हुई उसकी पहचान जिया मुस्तफा के तौर पर हुई , वह 2003 से कोर्ट बहलावल जेल में बंद था और जिया को एक ठिकाने की पहचान करने ले जाया गया था , जिया के पहुंचने पर भी आतंकियों ने फायरिंग शुरू कर दी , मुस्तफा भी इस हमले में घायल हो गया था , फायरिंग के कारण उसे समय पर अस्पताल नहीं ले जाया जा सका और उसकी मौत हो गई एवं अधिकारियों ने बताया कि LOC से चार किलोमीटर की दूरी पर जंगल में पैरा कमांडो समेत मार्च कर रहे सैनिकों की सहायता के लिए ड्रोन और हेलीकॉप्टरों को सेवा में लगाया गया है उन्होंने बताया कि जंगल का एक बड़ा हिस्सा साफ कर दिया गया है और अब तलाशी गुफाओं वाली जगहों तक सीमित है 11 अक्टूबर और 14 अक्टूबर को शुरुआती मुठभेड़ों के बाद आतंकवादियों का कोई सुराग नहीं मिला |