लेटलतीफी कामकाज का कीर्तिमान

ठाणे | कोरोना की दूसरी लहर समाप्ति की ओर है और इसकी तीसरी लहर की संभावना नहीं के बराबर है ऐसी स्थिति में मराठी नाट्य प्रेमियों को आशा थी कि जल्द ही ठाणे शहर में स्थित गडकरी रंगायतन का घंटा दर्शकों के प्रवेश के लिए बजेगा लेकिन वैसा नहीं हो पाया , ठाणे मनपा के लेटलतीफी कामकाज के कारण अभी तक गडकरी रंगायतन की दुरुस्ती का काम नहीं किया जा सका है ऐसे गंभीर आरोप लगाते हुए विधायक और भाजपा के ठाणे शहर जिला अध्यक्ष निरंजन डावखरे ने कहा है कि ठाणे मनपा प्रशासन की गतिविधियां देखकर ऐसा प्रतीत हो रहा है कि वह लेटलतीफी कामकाजों का कीर्तिमान बनाने के लिए प्रयत्नशील रह रही है विदित हो कि राज्य सरकार ने कोरोना प्रतिबंध में शिथिलता का संकेत दिया है साथ ही कहा है कि आगामी 22 अक्टूबर से राज्य के तमाम सिनेमाघर और मल्टीप्लेक्स खुलेंगे |

मराठी नाटक प्रेमियों को भी आशा थी कि उन्हें भी नाटक देखने का मौका मिलेगा लेकिन फिलहाल ऐसा ठाणे शहर में नहीं होने जा रहा है डावखरे का कहना है कि गडकरी रंगायतन के खुलने की भी प्रतीक्षा ठाणेकर कर रहे थे लेकिन एक बार फिर ठाणे मनपा प्रशासन ने गडकरी रंगायतन की दुरुस्ती के हेतु प्रस्ताव तैयार किया है इस स्थिति में फिलहाल रंगायतन के खुलने की संभावना नहीं दिख रही है डावखरे का कहना है कि गत वर्ष की भांति इस वर्ष भी गडकरी रंगायतन में दीवाली तक किसी भी संस्कृतिक कार्यक्रम  आयोजित किए जाने की संभावना नहीं है जो दुख का विषय है और यह सब ठाणे मनपा प्रशासन की लापरवाही से हो रहा है डावखरे का कहना है कि गडकरी रंगायतन की दुरुस्ती का काम कोरोना काल में ही पूरा कर लिया जाना चाहिए था लेकिन जानबूझकर ऐसा नहीं किया गया जब सिनेमाघर और मल्टीप्लेक्स खुलने जा रहे हैं तब ऐसी स्थिति में ठाणे मनपा प्रशासन ने गडकरी रंगायतन की दुरुस्ती करने का काम शुरू किया है यदि प्रशासन में थोड़ी भी तत्परता रही होती तो जो काम आज होने जा रहा है वह बहुत पहले हो गया होता । आखिर इसके लिए किसे जिम्मेदार माना जाए , ऐसे सवाल खड़े किए हैं डावखरे का कहना है कि राज्य की महाविकास आघाडी सरकार ने थिएटरों को खोलने में देरी की और यदि खोलने की बात कही जा रही है तब जाकर ठाणे मनपा की मनपा प्रशासन की नींद टूटी है अब उन्हें गडकरी रंगायतन की दुरुस्ती का काम करना है आखिर ठाणे मनपा प्रशासन की कार्य करने की शैली क्या है इसको लेकर सवाल खड़ा होना स्वभाविक है ऐसी बात डावखरे ने कही है |

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