उत्तर कोरिया पर भड़का जापान

टोक्यो |       जापान से सटे समुद्र में उत्तरी कोरिया ने बुधवार को दो बैलिस्टिक मिसाइलों का परीक्षण किया और इसका जापान के प्रधानमंत्री योशिहदे सुगा ने कड़ा विरोध जताया और उन्होंने कहा कि टोक्यो ओलंपिक और बाइडेन सरकार पर दवाब बनाने की कोशिश की जा रही है हमारे देश और क्षेत्र की शांति और सुरक्षा के लिए खतरा पैदा किया जा रहा है यह संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों का उल्लंघन है तथा उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र परिषद ने उत्तरी कोरिया पर बैलिस्टिक मिसाइलों के परीक्षण करने पर बैन लगाया हुआ है अगर इन परीक्षणों की पुष्टि होती है तो यह अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के प्योंगयांग से जुड़ने के प्रयासों को एक चुनौती देगा , वहीँ इस पर इंडो – पैसेफिक कमांड ने गुरुवार को एक बयान जारी किया उन्होंने इसे उत्तर कोरिया के अवैध हथियार प्रोग्राम का हिस्सा बताया और इसे अंतराष्ट्रीय समुदाय और पड़ोसी देशों के लिए भी खतरा करार दिया , कमांड ने कहा है कि स्थिति पर नजर रखी जा रही है आपको बता दे कि इससे पहले उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग की बहन ने दक्षिण कोरिया के साथ सैन्य अभ्यासों को लेकर अमेरिका को धमकी दी थी , उन्होंने इन अभ्यासों को घुसपैठ करार दिया था साथ ही कहा था कि अगर वह अगले चार साल शांति से सोना चाहता है तो किसी तरह की गड़बड़ी न करे        |

जापान ने इस परीक्षण का चीन के दूतावस सामने विरोध प्रदर्शन किया एवं जापान के मुताबिक इस परीक्षण में शांति और सुरक्षा को लेकर खतरा पैदा कर दिया है वहीं दक्षिण कोरिया ने इस पर गहरी चिंता जताई है जापान की सरकार के मुताबिक एक मिसाइल 450 किलोमीटर तक गई थी और इसकी लैंडिंग जापान के विशेष आर्थिक क्षेत्र से सटे बाहरी इलाके में हुई और ये एक शॉर्ट रेंज मिसाइल है तथा जापानी प्रधानमंत्री योशिहदे सुगा ने कहा है कि एक साल के भीतर यह परीक्षण हुआ है जो जापान की शांति और स्थिरता के लिए खतरा है और परीक्षण ऐसे वक्त हुआ है जब जापान में ओलंपिक मशाल रिले की शुरूआत गुरूवार को हुई है और चार महीने बाद टोक्यो में समर गेम्स होने हैं जिन्हें कोरोना की वजह से 2020 में स्थगित कर दिया था एवं सुगा ने कहा कि हम ओलंपिक को लेकर सुरक्षा सुनिश्चित करेंगे साथ ही अगले महीने अमेरिका के राष्ट्रपति बाइडन से होने वाली मुलाकात में इस मुद्दे पर चर्चा करेंगेऔर इसके अलावा दक्षिण कोरिया के जॉइंट चीफ स्टाफ ने बताया कि दो अनआइडेंटिफाइड प्रोजेक्टाइल का परीक्षण समुद्र में किया गया और यह इलाका कोरिया के प्रायद्वीप और उत्तरी कोरिया के दक्षिण में स्थित हैमग्योंग प्रांत का है और इस मामले में दक्षिण कोरिया और अमेरिका की इंटेलिजेंस एजेंसी डाटा का विश्लेषण कर रही है इसके अतरिक्त दक्षिण कोरिया की प्रेसीडेंशियल ब्लू हाउस राष्ट्र सुरक्षा परिषद की इमरजेंसी मीटिंग बुलाएगा , इसमें परीक्षण को लेकर चर्चा की जाएगी , वहीं जापान कोस्ट गार्ड को चेतावनी जारी की है और उन्हें किसी भी तरह की गिरी हुई वस्तु के बारे में जानकारी देने को कहा है        |

आपको यह भी बता दे कि उत्तरी कोरिया ने 2017 से किसी भी तरह के न्यूक्लियर हथियार और लंबी दूरी की मारक क्षमता वाली मिसाइल का परीक्षण नहीं किया है इससे पहले 2018 में उत्तर कोरिया के तानाशाह और अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की 2018 में मुलाकात हुई थी और इंडिपेंडेंट यू.एन. सेंक्शन मॉनिटर के मुताबिक नॉर्थ कोरिया लगातार न्यूक्लियर और मिसाइल प्रोग्राम को डेवलप कर रहा है यह 2020 के यू.एन. के प्रस्तावों का उल्लंघन है इसमें साइबर हैकिंग की मदद से फंड की व्यवस्था की जा रही है और 2018 की शुरूआत में उत्तर कोरिया ने न्यूक्लियर हथियारों और मिसाइलों के परीक्षण पर रोक लगाने का एलान किया था तब कहा गया था कि अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति से हुई बातचीत के बाद किसी दबाव में फैसला नहीं लिया है एवं अब तक उत्तरी कोरिया कई मिसाइलों का परीक्षण कर चुका है जो दक्षिण कोरिया के लिए खतरा है वहीं इसे देखते हुए अमेरिका ने मार्च 2020 के शुरुआत में 28,500 से ज्यादा अमेरिकी सैनिक तैनात किए गए हैं            |

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