उत्तर प्रदेश से महाराष्ट्र तक मनाई गई स्व.श्यामनारायन यादव की दूसरी पुण्यतिथि 

ठाणे |     मुंबई यादव संघ के पूर्व अध्यक्ष भांडुप मुंबई के पूर्व नगरसेवक एवं उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले के गोपालपुर विधानसभा के पूर्व विधायक स्व. श्यामनारायन यादव की दूसरी पुण्यतिथि बुधवार दिनांक 4 नवम्बर 2020 को कलवा पूर्व स्थित हिंदी हाई स्कूल के प्रांगण में एडवोकेट सुभाष श्यामनारायण यादव के आयोजन और पूर्व नगरसेवक , समाजसेवक राजनाथ यादव के संयोजन में उनकी प्रतिमा पर पुष्प अर्पण कर उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि दी गयी और उपस्थित सभी जनों ने दो मिनट का मौन रखकर उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की , दूसरी पुण्यतिथि का संचालन शिक्षक विनोद यादव ने किया , उक्त आयोजन में वरिष्ठ समाजसेवी आर. आर. यादव , सुरेश चंद्र यादव , लालजी यादव , रमेश यादव , सुरेश यादव , सुनील यादव (अध्यक्ष-यदुवंशी सेवा भावी संस्था) , कवि / पत्रकार विनय शर्मा दीप , गजानन यादव , कमलेश यादव , अशोक यादव , श्रवण कुमार यादव , विनोद मिश्र , अरूण गुप्ता ,(समाजसेवक) , प्रधान सरोज , चौहान , महेन्द्र यादव , अमीन मिश्रा , बाबूराम यादव (प्रबंधक कलवा हिन्दी हाई स्कूल) , कन्हैयालाल विश्वकर्मा (कलवा वार्ड 25 अध्यक्ष – भाजपा) , अमर पासवान , आलोक यादव , लालचंद सरोज , राहुल आदि उपस्थित थे , श्रद्धांजलि सभा में उपस्थित आर. आर. यादव , नंदकुमार यादव , पप्पू यादव , राजनाथ यादव , अश्विनी यादव , सुनील यादव आदि समाजसेवियों ने स्व• यादव के कृतित्व पर प्रकाश डाला   |

कलवा के विनय शर्मा दीप ने उनके कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए कहा आज ही के दिन उनका दो वर्ष पहले मुंबई में निधन हो गया था , स्व.श्यामनारायन यादव मुंबई , महाराष्ट्र से लेकर आजमगढ़ , उत्तर प्रदेश तक जनप्रतिनिधि के रूप में समाजसेवा की आवाज बुलंद किए हुए थे वे सर्वमान्य लोकनेता थे , वे बचपन से ही ज्ञानी और नेतृत्व‌ के धनी थे बचपन से ही उनके अंदर कुछ विशेष करने की इच्छा दिखाई देती थी , शायद इसी ही वजह से वे बारहवीं की परीक्षा पास करने के बाद मुंबई आए , वास्तव में उनका झुकाव शिक्षा की ओर‌ था लेकिन उनके रिश्तेदारों ने भांडुप की सी.एट. कंपनी में उन्हें नौकरी करने का आग्रह किया , वे रिश्तेदारों का आग्रह ठुकरा नहीं सके कंपनी में कड़ी मेहनत करते हुए भी उन्होंने शिक्षा से नाता नहीं तोड़ा इसीलिए लोग उन्हें प्रेम और सम्मान से मास्टरजी कहते थे , उनका सी.एट. कंपनी में भी बड़ा सम्मान था , पढ़ें – लिखे और नेतृत्व के धनी स्व. श्यामनारायन यादव से लोग आग्रह करने लगे कि आप नगरसेवक का चुनाव लड़े , मास्टरजी जनता का आग्रह ठुकरा नहीं सके और वे निर्दलीय चुनाव मैदान में उतर गए और तराजू चुनाव चिन्ह पर उनका पलड़ा भारी रहा और वे जनता के नगरसेवक के रूप विजयी हुए , तत्पश्चात वे निरंतर राजनीति में सक्रिय रहे , सन 1985 में जब वे चुनाव जीते तो उस समय उनके कंधे से कंधा मिलाकर असंख्य लोग चलने लगे , 1985 से 1992 तक वे स्थायी समिति के सदस्य के रूप में बृहन्मुंबई महानगरपालिका में मुंबई के विकास की आवाज उठाते रहे , जब मास्टरजी चुनाव जीते थे उस समय महानगरपालिका नगरसेवक का क्षेत्र बहुत बड़ा होता था , उस समय नगरसेवक का क्षेत्र आज की तरह नहीं था वह क्षेत्र बहुत बड़ा होता था , इतने बड़े क्षेत्र का नगरसेवक बनना मतलब भारी जनसमर्थन प्राप्त करना सचमुच में उनके सशक्त नेतृत्व का प्रमाण था , उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले के लोगों का उनके प्रति स्नेह उन्हें खींचने लगा फलस्वरुप उन्हें मायानगरी को छोड़कर अपनी जन्मभूमि को मुंबई की तरह अपनी कर्मभूमि बनाना पड़ा      |

पहले उनकी कर्मभूमि मुंबई थी लेकिन आजमगढ़ वासियों ने स्व.श्यामनारायन यादव को विधायक बनाना चाहा , मास्टरजी ने आजमगढ़ जिले के लोगों के स्नेह को नहीं ठुकराया और उन्हें गोपालपुर की जनता ने ऐतिहासिक विजय दिलाकर विधायक बना दिया उन्होंने गोपालपुर के विधायक के रूप में सन 2007 से 2012 तक क्षेत्र में विकास की गंगा बहा दी , इसके पूर्व वे यादव संघ मुंबई के सबसे अधिक समय तक अध्यक्ष ही नहीं रहे अपितु उन्होंने यादव संघ मुंबई का नाम पूरे देश में रोशन किया , यादव संघ के स्कूलों के माध्यम से उन्होंने शिक्षा का जो पौधा लगाया उसका लाभ पूरी मुंबई और नाशिक के लोगों को मिला , उन्होंने यादव समाज को महाराष्ट्र में आरक्षण भी दिलाया , वास्तव में समाजवादी पार्टी के संस्थापक सदस्यों में वे रहे उन्होंने महाराष्ट्र में समाजवादी पार्टी का सर्वप्रथम झंडा गाड़ा , उनके पुत्र आजमगढ़ के दिग्गज सपा नेता एवं आजमगढ़ में शिक्षा में अपना विशेष स्थान रखने वाले एड. सुभाष यादव उनके त्याग और अपने कर्तव्य के बल पर आजमगढ़ के भावी विधायक के रुप में चर्चा में है वे विधायक बने यही सभी की स्व.श्यामनारायन यादव के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी , वास्तव में महिलाओं की उच्च शिक्षा के प्रबल सृजनहार स्व.श्यामनारायन यादव ने आजमगढ़ में महिला महाविद्यालय खोलकर यह सिद्ध कर दिया उनकी सोच सभी को‌ शिक्षित करने की थी क्योंकि जब एक बेटी शिक्षित होगी तो पूरा परिवार शिक्षित होगा      |