एम.आई.डी.सी. ने बेच डाला वाल्मीकि उद्यान

ठाणे | एम.आई.डी.सी. के बेकार पड़े भूखंड को विकसित कर ठाणे महानगर पालिका ने वाल्मीकि उद्यान का निर्माण किया लेकिन एकाएक एम.आई.डी.सी. ने इस उद्यान को किसी निजी व्यक्ति के हाथों बेच डाला इसको लेकर वाल्मीकि समाज ने विरोध जताते हुए विरोध मोर्चा निकाला , विदित हो कि रामनगर रामवाडी रोड नंबर 28 के परिसर में बाल्मीकि समाज के लोग बड़ी संख्या में रहते हैं समाज का कोई न कोई कार्यक्रम चलते रहता है जिस कारण स्थानीय नगरसेवक जितेंद्र बाघ ने प्लॉट क्रमांक 414 में एक शेड  बांधकर दिया , इसके साथ ही एक मंच और एक उद्यान भी बनाए गए थे और एक प्रवेश द्वार का भी निर्माण किया गया था , यहां वाल्मीकि समाज के लोग अपने सामाजिक कार्यक्रमों का आयोजन किया करते थे , इसके साथ ही मनपा प्रशासन ने यहां एक पानी की टंकी भी बना कर दिया |

इस टंकी से आसपास के परिसर के लोगों को जलापूर्ति की जा रही थी लेकिन एकाएक इस भूखंड का स्वामित्व किसी निजी व्यक्ति को दे दिया गया , इसकी जानकारी मिलने पर आर.पी.आई. एकतावादी के ठाणे जिला अध्यक्ष राजाभाऊ चव्हाण और बाल्मीकि समाज के वरिष्ठ नेता दशरथ आठवाल , दावड़ा सेठ के नेतृत्व में बाल्मीकि समाज के बंधुओं ने बाल्मीकि उद्यान से विरोध मोर्चे का आयोजन किया , वाल्मीकि समाज के लोगों ने इस विरोध मोर्चे के दौरान जमकर एम.आई.डी.सी. के खिलाफ नारेबाजी भी की इसके साथ ही युवाओं ने बाइक पर सवार होकर विरोध प्रदर्शन करते हुए एम.आई.डी.सी. कार्यालय तक पहुंचे , आंदोलनकारियों ने मांग की कि वाल्मीकि उद्यान की बिक्री पर प्रशासन तत्काल रोक लगाएं अन्यथा विरोध आंदोलन आगे भी उग्र रूप में किया जाएगा , राजाभाऊ चव्हाण और दशरथ आठवाल ने मांग की है कि यदि वाल्मीकि उद्यान का संरक्षण प्रशासनिक स्तर पर नहीं हुआ तो इसके खिलाफ सत्याग्रह आंदोलन शुरू किया जाएगा जबकि विरोध आंदोलन में बीरपाल भाल , रामवीर पारछा , विनोद सजानिया , नरेश बोहित , राजपाल मरोठिया , सोनी चौहान , श्याम पारछा , राजेश खत्री , राजकुमार सिंह , दशरथ आठवाल , अशोक पवार , राजू सैदा आदी सहभागी हुए |