कर्ज लेकर कर्ज चुका रहा है पाकिस्तान

इस्लामाबाद |      पाकिस्तान और सऊदी अरब के रिश्तों में बढ़ती तल्खी अब आर्थिक स्तर पर भी नजर आ रही है चीन इसका फायदा उठा रहा है आपको बता दे की पाकिस्तान ने हाल ही में चीन से एक अरब डॉलर उधार लेकर सऊदी अरब के कर्ज की किश्त चुकाई थी डेढ़ साल पहले जब पाकिस्तान दिवालिया होने की कगार पर था तब सऊदी ने उसे 3 अरब डॉलर ( करीब 22 हजार करोड़ रुपए ) कर्ज दिया था , बता दे की पाकिस्तान और सऊदी के रिश्तों में कड़वाहट कश्मीर मुद्दे पर शुरू हुई हकीकत में पाकिस्तान चाहता है कि इस मुद्दे पर चर्चा के लिए ऑर्गनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कंट्रीज ( ओ.आई.सी. ) की अर्जेंट मीटिंग बुलाई जाए लेकिन सऊदी अरब और यू.ए.ई. दोनों ओ.आई.सी. मीटिंग बुलाने और इस मुद्दे पर विचार के लिए तैयार नहीं हैं जानकारी के मुताबिक करीब डेढ़ साल पहले पाकिस्तान दिवालिया होने की कगार पर था आई.एम.एफ. और एशियन डेवलपमेंट बैंक ( ए.डी.बी. ) कर्ज के लिए बेहद सख्त शर्तें रख रहे थे तब सऊदी अरब ने पाकिस्तान को 3 अरब डॉलर का लोन दिया था इसमें यू.ए.ई. ने भी मदद की थी अब चूंकि सऊदी और पाकिस्तान के रिश्ते बिगड़ रहे हैं इसलिए इमरान सरकार ने चीन से कर्ज लेकर सऊदी के कर्ज की पहली किश्त चुकाई है बता दे की एक कार्यक्रम में इमरान ने सऊदी अरब का नाम लिए बिना कहा की कश्मीर मुद्दे पर हमारे साथ कोई आवाज नहीं उठाता क्योंकि हम लोगों में एकता नहीं है बाकी सब तो छोड़िए इस मुद्दे पर हम ओ.आई.सी. की एक मीटिंग तक नहीं बुला पाते इसी दिन शाम को विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा की सऊदी और खाड़ी के अमीर देश इसलिए साथ नहीं आते क्योंकि भारत के साथ उनके गहरे आर्थिक रिश्ते हैं पाकिस्तान अब ओ.आई.सी. का विकल्प तलाश सकता है , पाकिस्तान के अखबार द डॉन के मुताबिक सऊदी सरकार पहले ही पाकिस्तान को बता चुकी है कि वो ओ.आई.सी. में कश्मीर मसले को उठाने के लिए तैयार नहीं है अब इमरान और कुरैशी के बयानों से सऊदी नाराज हो सकता है , बता दे की न्यूज एजेंसी के मुताबिक चीन अब पाकिस्तान के मुस्लिम वर्ल्ड में अकेले पड़ जाने का फायदा उठा रहा है पाकिस्तान की सऊदी पर निर्भरता कम करने और चीन पर बढ़ाने के लिए ही जिनपिंग सरकार ने फौरन एक अरब डॉलर का कर्ज दिया ताकि इमरान सरकार सऊदी अरब की किश्त चुका सके   |