कालापानी विवाद को भड़का कर चीन बना ‘शांतिदूत बताया भारत-नेपाल का आपसी मामला

सोनौली / महाराजगंज  |   कालापानी मुद्दे पर भारत के खिलाफ नेपाल को भड़का कर अब चीन शांतिदूत बनने की कोशिश कर रहा है चीनी विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा कि यह मुद्दा भारत और नेपाल का आंतरिक विषय है इसे दोनों देशों को शांतिपूर्वक निपटाना चाहिए बता दें कि भारतीय सेना प्रमुख नेपाल के ऐसे व्यवहार के पीछे चीन का हाथ बता चुके हैं कालापानी विवाद से चीन का किनारा , बताया भारत और नेपाल के बीच का आपसी मामला आर्मी चीफ ने जताई थी विदेशी ताकत का हाथ होने की संभावना , चीन पर सबको शक नेपाल जारी करेगा अपना नया मैप, लिंपियाधुरा, लिपुलेख और कालापानी को बताया अपना इलाका नेपाली राष्‍ट्रपति की घोषणा, इन इलाकों को वापस पाने के लिए मजबूत कदम उठाए जाएंगे धारचूला से लिपुलेख तक रोड बनाने का किया था विरोध, भारत ने कहा था कि वो हमारा इलाका कालापानी में सड़क निर्माण को लेकर भारत और नेपाल के बीच कथित रूप से विवाद को हवा देने के बाद चीन अब शांति का पाठ पढ़ा रहा है  ।

चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजिआन ने मंगलवार को कहा कि कालापानी सीमा का मुद्दा भारत और नेपाल के बीच का है और उम्मीद जतायी कि दोनों पड़ोसी देश एकतरफा कदम उठाने से परहेज करेंगे और मैत्रीपूर्ण ढंग से अपने विवाद को सुलझाएंगे बता दें कि इन दिनों कालापानी को लेकर भारत और नेपाल के रिश्तों में तनाव देखा जा रहा है नेपाल को भड़का रहा चीन नेपाल के ऐसे व्‍यवहार के लिए भारत, चीन को जिम्‍मेदार मान रहा है शुक्रवार को सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने संकेत दिए थे नेपाल के लिपुलेख मिद्दा उठाने के पीछे कोई विदेशी ताकत हो सकती है जनरल नरवणे ने कहा था, “मुझे नहीं पता कि असल में वे किस लिए गुस्‍सा कर रहे हैं पहले तो कभी परेशानी नहीं हुई, किसी और के इशारे पर ये मुद्दे उठा रहे हों, यह एक संभावना है , नेपाल में लगातार बढ़ रहा चीनी दखल चीन का नाम भले ना लिया गया हो मगर नेपाल में उसका दखल किसी से छिपा नहीं है नेपाल के राजदूत ने भी कहा कि काली नदी के ईस्ट साइड का एरिया उनका है इसे लेकर कोई विवाद नहीं है ।

आर्मी चीफ ने कहा था कि जो रोड बनी है वह नदी के पश्चिम की तरफ बनी है तो मुझे नहीं पता कि वह असल में किस चीज को लेकर विरोध कर रहे हैं चीन की शह पर नेपाल की हिमाकत भारत के इलाकों पर दिखाया अपना कब्‍जा
नेपाल और भारत के रिश्‍तों में दरार पिछले दिनों धारचूला से लिपुलेख तक नई रोड का रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की ओर से उद्घाटन किया गया था इस रोड पर काठमांडू ने आपत्ति जताई है इस रोड से कैलाश मानसरोवर जाने वाले तीर्थयात्रियों की दूरी कम हो जाएगी नेपाल के विदेश मंत्री प्रदीप कुमार ग्‍यावली ने भारत के राजदूत विनय मोहन क्‍वात्रा को तलब कर लिया था  |

भारत ने दिया था साफ जवाब

जवाब में भारत ने अपनी पोजिशन साफ करते हुए कह था कि ‘उत्‍तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में हाल ही बनी रोड पूरी तरह भारत के इलाके में हैं ‘ ग्‍यावली ने सोमवार को एक ट्वीट में जानकारी दी कि ‘कैबिनेट ने 7 प्रान्‍त, 77 जिलों और 753 स्‍थानीय निकायों वाले नेपाल का नक्‍शा प्रकाशित करने का निर्णय लिया है इसमें लिंपियाधुरा, लिपुलेक और कालापानी भी होंगे सत्यमेव या सिंहमेव नेपाल का भारत को ताना वर्तमान विवाद की शुरुआत 1816 में हुई थी  तब ब्रिटिश के हाथों नेपाल के राजा कई इलाके हार गए थे जिनमें लिपुलेख और कालापानी शामिल हैं  इसका ब्‍यौरा सुगौली की संधि में मिलता है दोनों देश आपसी बातचीत से सीमा विवाद का हल निकालने की पैरवी करते आए हैं मगर अब नेपाल के रुख में बदलाव साफ संकेत दे रहा है कि चीन ने अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है नेपाल ने अब चांगरु में कालापानी के नजदीक आर्म्ड पुलिस फोर्स का आउटपोस्ट बनाया है ।

बॉर्डर पर झड़प के बाद सैनिकों की तैनाती बढ़ा रहा चीन, ऐसे हुआ खुलासा नया मैप जारी करेगा नेपाल

भारत से बढ़ते विवाद के बीच नेपाल अपने देश का नया मैप तैयार करने जा रहा है जिसमें कम से कम तीन ऐसे इलाके शामिल होंगे जो भारतीय सीमा में आते हैं सोमवार को प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के नेतृत्‍व में कैबिनेट की बैठक के दौरान इस मैप को मंजूरी दी गई इसके मुताबिक, लिंपियाधुरा, लिपुलेख और कालापानी नेपाल में हैं जबकि ये इलाके भारत में आते हैं ।

इन इलाकों को वापस लेने की कोशिश करेगा नेपाल

कैबिनेट से प्रस्‍ताव को मंजूरी मिलने के बाद नेपाल की राष्‍ट्रपति बिद्या देवी भंडारी ने कहा, लिंपियाधुरा, लिपुलेख और कालापानी इलाके नेपाल में आते हैं और इन इलाकों को वापस पाने के लिए मजबूत कूटनीतिक कदम उठाए जाएंगे। नेपाल के सभी इलाकों को दिखाते हुए एक आधिकारिक मानचित्र जारी होगा  ।

रतनपुर से विनय त्रिपाठी की रिपोर्ट