काेचिंग बंद हाेने से आर्थिक तंगी से परेशान हैं निजी शिक्षक

रसड़ा / बलिया |  कोरोना के बढ़ते प्रकोप तथा बढ़ते संक्रमित मरीजों की वजह से लॉकडाउन की अवधि बढ़ती ही जा रही है , इससे व्यापार जगत के साथ शिक्षा जगत भी संकट के दौर से गुजर रहा है , स्कूलाें के बंद पड़े हाेने से बच्चे पढ़ाई नहीं कर पा रहे हैं , जबकि सरकारी शिक्षक हर माह सरकार से मोटी तनख्वाह जरूर ले रहे हैं , दूसरी ओर निजी स्कूलों , कोचिंग संस्थान आदि के शिक्षकों का बुरा हाल है और उनके समक्ष भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गयी है ,  जबकि कई कोचिंग संस्थानों ने अपना बोरिया बिस्तर समेट लिया है , उत्पन्न हुई स्थिति से मानसिक रूप से परेशान कोचिंग संचालकों के आगे दर – दर की ठाेकरें खाने की नाैबत आ चुकी है , काेचिंग संचालक प्रकाश गुप्ता ने बताया कि जिस प्रकार सभी व्यापार को उचित दिशा निर्देश के तहत खोला गया है , उसी प्रकार सख्त निर्देश देकर शिक्षण संस्थानों को भी खोलने की अनुमति दी जानी चाहिए ताकि डिप्रेशन का शिकार हो रहे शिक्षकों की स्थिति में सुधार आ सकें , ऑनलाइन कक्षा कराने पर गरीब बच्चों को बड़ी मुश्किल हाे रही है , ऑनलाइन व्यवस्था सभी वर्ग के छात्रों के लिए संभव नहीं हैं , ऑनलाइन कक्षा कराने पर गरीब बच्चों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है , जिले भर के सभी प्रखंडों के छोटे – छोटे स्कूलों और कोचिंग सेंटर में पढ़ने वाले शिक्षार्थियों और शिक्षकों की आर्थिक स्थिति का हाल अत्यंत ही दयनीय है |

ऑनलाइन शिक्षा पद्धति को अपनाने के लिए मोबाइल , लैपटॉप आदि की व्यवस्था देने के लिए मुश्किल है , स्कूल और कोचिंग सेंटर मे बच्चों को पढ़ाने वाले शिक्षकों में से अधिकांश स्वयं भी शिक्षार्थी ही हैं , बच्चों को पढ़ाकर अपनी पढ़ाई का खर्च उपार्जन करते हैं , लेकिन कोरोना की मार इनके सपनों को अंधेरे की ओर धकेल रहा है , हिन्दी अध्यापक रवि आर्य ने बताया कि कोरोना वायरस से बचाव को लेकर जारी लॉकडाउन की वजह से ट्यूशन और छोटे कोचिंग पूरी तरह से बंद हैं , ट्यूशन और घर या किराए पर कोचिंग चलाने वाले शिक्षकों के लिए ऑनलाइन व्यवस्था करना काफी कठिन है , ट्यूशन पढ़ने वाले लॉक डाउन के समय का फीस भी नहीं देंगे , ऐसे में इन शिक्षकों की समस्या हर दिन बढ़ती जा रही हैं , इमरान अंसारी ने कहा कि लाॅकडाउन से लेकर अब तक लगभग 3 महीने का वक्त हो गया है , उनके कोचिंग इंस्टिट्यूट बंद पड़े हैं , जिस वजह से उन्हें दिक्कतें हो रही हैं , बंद पड़े कोचिंग इंस्टिट्यूट का किराया देना पड़ रहा है , कोचिंग इंस्टिट्यूट से ही उनके परिवार का पालन पोषण होता है साथ ही कोचिंग इंस्टिट्यूट में पढ़ने वाले छात्रों को भी समस्याएं हो रही हैं , बेहद परेशान काेचिंग संचालकाें ने सरकार से जीवन – यापन करने की आर्थिक सहायता की मांग की है |

रिपोर्ट : उमाकांत विश्वकर्मा