कोरोना कहर के बीच गरीबों के मशीहा बने महाराष्ट्र, राजस्थान और गुजरात के समाजसेवी

ठाणे। कोरोना कहर के बीच ठाणे के कई समाजसेवी गरीबों के मशीहा बन गए हैं , संचारबंदी के चलते ठाणे शहर में गरीबों तक खाद्य पदार्थ पहुंचाने का काम वे कर रहे हैं , इसी क्रम में ठाणे के प्रख्यात समाजसेवी नानजीभाई ठक्कर के माध्यम से करीब लाखों लोगों के घरों में राशन भेजा जा चुका हैं , समाजसेवी नानजीभाई ठक्कर का कहना है कि प्रतिदिन डेढ़ हजार घरों में राशन और पका हुआ भोजन पहुंचाया जा रहा है , उन्होंने कहा कि यह सिलसिला संचारबंदी तक चलता रहेगा  ।

वहीं कोरोना के प्रसार और प्रभाव को कम करने के लिए केंद्र, राज्य और स्थानीय निकाय कई तरह के उपायों को अमल में लगे हुए हैं , इनमें से कई उपाय कारगर भी साबित हो रहे हैं , इसी क्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संपूर्ण देश में संचारबंदी कर दिया है, जो 3 मई तक रहेगा , हालांकि संचारबंदी के कारण दिहाड़ी मजदूरों के साथ गरीब परिवार भूखे रहने के लिए बाध्य है, क्योंकि इस परिस्थिति में वे घर से बाहर नहीं निकल सकते हैं , ऐसे में इनकी मदद के लिए ठाणे के कई समाजसेवी आगे आए हैं , ये समाजसेवी गरीब परिवारों और दिहाड़ी मजदूरों के घरों में कच्चा और पका पकाया भोजन पहुंचाने का काम कर रहे हैं।

इसी क्रम में ठाणे के प्रख्यात समाजसेवी नानजीभाई ठक्कर अब तक लाखोों राशन पहुंचा चुके हैं , उन्होंने कहा कि प्रतिदिन डेढ़ हजार घरों में राशन पहुंचा रहे हैं राशन की पैकिंग के लिए 40 लोगों से दो शिफ्ट में राशन की पैकिंग कराकर उसे जरूरमंदों तक पहुंचाया जा रहा है , राशन के पैकेट में दाल, चावल, तेल, नमक, आटा और शक्कर शामिल किया गया है , उन्होंने कहा कि पैकिंग के दौरान डिस्टेंस का भी पालन किया जा रहा है , समाजसेवी ठक्कर ने कहा कि ठाणे शहर सहित जिले के मुरबाड, शहाड, धसई गांव आदि में राशन भेजा गया है , इसके साथ ही मुलुंड, घाटकोपर, जलगांव जैसे क्षेत्रों में भी राशन भेजा जा रहा है , उन्होंने कहा कि गुजरात के भुज, आदिपुर, आनंदी में भी राशन भेजा गया है।