कोरोना काल में रोगियों से वसूला गया मनमाना बिल


रोगियों को नहीं लौटाई गई 55 लाख की निधि


ठाणे । कोरोना संकट के समय रोगियों से ठाणे शहर में मनमाना बिल निजी अस्पतालों में वसूला था इस मामले को लेकर महाराष्ट्र नवनिर्माण विद्यार्थी सेना के महासचिव संदीप पाचंगे ने आवाज उठाई थी इसके बाद ठाणे मनपा प्रशासन ने इस मामले की जांच के लिए लेखा परीक्षक की नियुक्ति की थी लेखा परीक्षक की रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ कि कोरोना संकट के समय निजी अस्पतालों में जोगियों से बड़े पैमाने पर अधिक बिल की वसूली की गई थी यह रकम १ करोड ८९ लाख ८२ हजार रुपये थी निजी अस्पतालों ने रोगियों को १ करोड ३४ लाख ८३ हजार  रुपये लौटाया लेकिन शेष 55 लाख की निधि अब तक नहीं लौटाई गई है , इसी क्रम में मनविसे के महासचिव संदीप पाचंगे ने ठाणे मनपा प्रशासन को एक लिखित निवेदन देकर मांग की है कि इनमें से लुटेरे अस्पतालों के ऊपर 10 लाख से अधिक की रकम रोगियों का अटका हुआ है ।


  उन्होंने मांग की है कि इन  अस्पतालों के खिलाफ प्रशासनिक स्तर पर कार्रवाई की जाए पाचंगे का कहना है कि लेखा परीक्षण विभाग ने 2 महीने पहले आरोग्य विभाग को इस बाबत पत्र भी दिया है परंतु इस मामले में किसी भी तरह की कार्रवाई आरोग्य विभाग द्वारा नहीं की जा रही है , विदित हो कि कोरोना संकट के समय ठाणे शहर में स्थित निजी अस्पतालों में भर्ती रोगियों से मनमाना बिलों की वसूली की गई थी  जिसके खिलाफ सर्वप्रथम मनसे  ने आवाज उठाई थी महाराष्ट्र नवनिर्माण विद्यार्थी सेना के महासचिव संदीप पाचंगे ने इसको लेकर आवाज बुलंद की थी इसके बाद ठाणे मनपा प्रशासन इस संवेदनशील मामले को लेकर हरकत में आया था पाचंगे ने बताया कि 2 साल बीत जाने के बाद भी ठाणे शहर के कई निजी अस्पतालों में अब तक रोगियों से वसूले गए अधिक बिलों की अदायगी रोगियों को नहीं की गई है यह स्थिति प्रशासनिक उदासीनता के कारण हैं , ऐसी स्थिति में ठाणे मनपा प्रशासन को निवेदन देकर पाचंगे ने मांग की है कि जिन अस्पतालों के पास कोरोना रोगियो की अतिरिक्त रकम बाकी है,  ऐसे अस्पतालों के नूतनीकरण के प्रस्ताव को मंजूरी नहीं दी जाए । 

साथ ही प्रशासन अस्पताल को रोगियों से वसूले गए अतिरिक्त रकम की अदायगी करने हेतु निर्देश दे बताया गया है कि वेल्लम रुग्णालय ने ५ लाख ५० हजार ६५० रुपैया का धनादेश रोगियों को लौटाने  आरोग्य विभाग को दिया  है परंतु आरोग्य विभाग ने रोगी को नहीं दी है हायलँड हॉस्पिटल  ने ११ लाख ५४ हजार ८२०, युनिव्हर्सल हॉस्पिटल ने १० लाख १० हजार ५४६ और निऑन हॉस्पिटल ने १५ लाख ५० हजार ८४८ हजार रुपये कोरोना रोगियो को नहीं लौटाए हैं ये अस्पताल उक्त रकम लौटाने के प्रति उत्सुक नहीं हैं ऐसी स्थिति में पाचंगे ने मांग की है कि इन अस्पतालों के खिलाफ प्रशासनिक स्तर पर कड़क कार्रवाई की जाए ।