कोरोना जांबाजों को किया जा रहा है बेरोजगार

ठाणे | कोरोना संकट के समय अपनी जान की परवाह नहीं कर संक्रमित रोगियों की सेवा करने वाले कर्मियों की रोजी रोटी छीनी जा रही है ठाणे मनपा प्रशासन ने ऐसे कर्मियों को सेवा से निकालने का निर्णय लिया है तथा इसकी शुरुआत भी कर दी गई है इसके खिलाफ कांग्रेस के असंगठित कामगार विभाग ने तीव्र नाराजगी जाहिर की है इस मामले को लेकर कांग्रेस के एक शिष्टमंडल ने महापौर नरेश म्हसके से मुलाकात कर निकाले गए कामगारों के बेहतर भविष्य के लिए कदम उठाने का आग्रह किया , कांग्रेस के  असंगठित कामगार विभाग के शिष्टमंडल में कॉन्ग्रेस ठाणे शहर अध्यक्ष विक्रम चव्हाण , प्रदेश कांग्रेस महासचिव मनोज सशिंदे , इंटक के ठाणे जिला अध्यक्ष सचिन शिंदे  , कांग्रेस असंगठित कामगार विभाग के ठाणे शहर अध्यक्ष संदीप शिंदे शामिल थे |

उनका कहना था कि 25 से 35 वर्ष के युवाओं ने कोरोना संकट के दौरान अपने और अपने परिवार की परवाह किए बिना ही संक्रमित रोगियों की उन्होंने निरंतर सेवा की लेकिन अब उन्हें सेवा से निकाला जा रहा है जबकि इन युवाओं को आशा थी कि कोरोना लहर शांत होने के बाद उन्हें ठाणे मनपा की स्थायी  सेवा में ले लिया जाएगा लेकिन उल्टा हुआ , कांग्रेसी नेताओं और पदाधिकारियों ने महापौर म्हसके से आग्रह किया कि इस मुद्दे को मानवता के आधार पर सुलझाया जाना चाहिए , यदि इन कोरोना वीरों के साथ अन्याय हुआ तो यह दुखद अध्याय होगा , वैसे भी नौकरी से निकाले गए युवाओं ने कोरोना संकट के समय ठाणे मनपा की बेहतर सेवा की है इससे इनकार नहीं किया जा सकता है इस स्थिति को देखते हुए कांग्रेस कोरोना अस्पतालों के कामगारों को निकाले जाने का सदैव विरोध करता रहेगा , कांग्रेस शिष्टमंडल को महापौर म्हसके ने आश्वासन दिया कि प्रशासनिक स्तर पर इस मामले को लेकर कोई न कोई पहल की जाएगी |

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