कोरोना लहर से बेअसर रहा अदालती कामकाज

ठाणे | उच्चतम न्यायालय के न्यायमूर्ति अभय ओक ने कहा कि कोरोना की तीसरी लहर आने की उम्मीद नहीं है और अगर ऐसा होता है तो इससे अदालत के कामकाज पर कोई असर नहीं पड़ेगा , ऐसी स्थिति पहले भी देखी गई है इन बातों का जिक्र सर्वोच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति अभय ओक ने किया , न्यायमूर्ति ओक को ठाणे जिला अधिवक्ता संघ द्वारा सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में उनकी नियुक्ति के लिए सम्मानित किया गया और कार्यक्रम समाहरणालय के नियोजन भवन में आयोजित किया गया , आयोजित कार्यक्रम के दौरान ठाणे जिला अधिकारी राजेश नार्वेकर के हाथों सर्वोच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति अभय ओक का सत्कार किया गया |

बता दे कि प्रधान एवं जिला सत्र न्यायाधीश अनिल पानसरे , जिला न्यायाधीश ब्रम्हे , जिला कलेक्टर राजेश नार्वेकर , ठाणे जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष प्रशांत कदम , महाराष्ट्र गोवा अधिवक्ता परिषद के अध्यक्ष गजानन चव्हाण मंच पर उपस्थित थे और न्यायमूर्ति ओक ने ठाणे जिला न्यायालय से अधिवक्ता के कामकाज की शुरुआत की थी , जिला न्यायालय से उन्होंने सर्वोच्च न्यायालय तक की सफर पूरी की , उन्होंने कहा कि जब उन्होंने 1983 में कानून का अभ्यास करना शुरू किया , उन्हें कानून अपने दादा और पिता से विरासत में मिला और कानून का ज्ञान प्राप्त हुआ तथा उन्होंने कहा कि कानूनी प्रतिभा न केवल सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालय में बल्कि तालुकों में भी पाई जाती है जस्टिस ओक ने अपने पिता श्रीनिवास ओक , जस्टिस विजय टिपानिस और प्रभाकर पाटिल को याद कर अपने अनुभव साझा किए , जिला न्यायालय के अधिवक्ता से लेकर उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश तक की सफर पूरी की , युवा वकीलों को ओक की यात्रा का अध्ययन करना चाहिए और उससे प्रेरणा लेनी चाहिए , न्यायमूर्ति श्पानसरे ने इस बात का जिक्र किया , जस्टिस ओक के बारे में चव्हाण , कदम ने भी अपने विचार व्यक्त किए , इस अवसर पर जस्टिस ओक को सम्मानित किया गया , कलेक्टर नार्वेकर ने जस्टिस ओक का फूलों का गुलदस्ता देकर स्वागत किया , इस अवसर पर न्यायिक अधिकारी , वरिष्ठ वकील आदि उपस्थित थे |

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