कोविड की छाया में भारतीय जन भाषा की काव्य गोष्ठी संपन्न 

ठाणे |      भारतीय जनभाषा प्रचार समिति ठाणे की काव्यगोष्ठी शनिवार दिनांक 28 नवंबर 2020 ठाणे (पश्चिम) में सोशल डिस्टेंसिंग और सेनीटाइजर के साथ सीमित सदस्यों के बीच संपन्न हुई , गोष्ठी शुभारंभ होने से पहले भारत भूमि पर अपने पांव पसारे भयंकर महामारी कोविड-19 से त्रस्त भाई – बंधु , इष्ट – मित्र परेशान थे , लॉकडाउन से लेकर आज तक देश के तमाम लोगों की मृत्यु हुई जिसमें कोविड – 19 वर्रिएर्स , पोलिस विभाग के तमाम लोगों को सेवा देते समय अपनी जान से हाथ धोना पड़ा , साहित्य और समाज से जुड़े कई लोग इस दरम्यान अपने जीवन की अंतिम सांस लिए उन सभी पुण्यात्माओ हेतू २ मिनट का मौन रख उन्हें श्रद्धांजलि दी गई , साहित्य से जुड़े स्वर्गवासी लोगों में जगदंबा तिवारी , एम.पी. सिंह और साकी ग्वालियरी का नाम विशेष रूप से लिया गया , संचालक संजय द्विवेदी ने गोलाई में बैठकर गोष्ठी का आगाज वरिष्ठ साहित्यकार और संपादक हरजिंदर सिंह सेठी से किया , व्यंग और यथार्थ के सशक्त हस्ताक्षर सेठी ने अपनी पहली रचना से ही लोगों का मन मोह लिया , अन्य रचनाकारों में भुवनेन्द्र सिंह बिष्ट , संजय द्विवेदी , वफ़ा सुल्तानपुरी , रमाशंकर यादव , उमाकांत वर्मा , रमेश प्रताप सिंह (एंक्स नेवी) , रामप्यारे सिंह रघुवंशी ने लोगों को अत्यंत प्रभावित किया , गोष्ठी का समापन राष्ट्रगान से हुआ    |