क्या योग प्राणायाम से भी कोरोना से बचा जा सकता है : डॉ.अरूण विजय

ठाणे. ।   जैन मुनि डॉ. अरुण विजय ने बताया कि प्राणायाम और योग से भी कोरोना जैसे भयानक महामारी से बचा जा सकता है , उन्होंने कहा कि ऐसे भी पूरे विश्व में कोरोना से बचने के लिए कोई प्रभावी असरकारक और औषधि उपलब्ध ही नहीं है , यदि सच में होती तो लाखों की संख्या में लोग दुनिया में कोरोना से मरते नहीं, लेकिन प्रतिदिन मर रहे हैं यह भी एक सच्चाई है । 1 दिन भी खाली नहीं जा रहा है ।

दुनिया भर के वैज्ञानिक वैक्सीन बनाने में लगे हैं वैक्सीन कोई रात भर में नहीं जाती है , बनकर असरकारक सफलता प्राप्त करने में शायद 1 वर्ष का समय लग जाएगा , तो क्या तब तक अर्थात वर्ष भर लोग प्रतिदिन मरते ही रहेंगे आखिर क्यों मरने के लिए छोड़ दिया जाए ? यह तो स्पष्ट सत्य सिद्ध हो चुका है कि सुरक्षा ही एकमात्र उपाय है , बचकर दूर रहने में ही समझदारी है , वैश्विक तालाबंदी सही में असरकारक प्रभावी विकल्प है , कोरोना का वायरस इस हद सूक्ष्म है कि मानवीय चक्षु से तो दिखना भी संभव नहीं है ।

400 से 500 माइक्रोन का इतना ज्यादा सुक्ष्म है कि मनुष्य की छींक में उड़े थूक की एक छोटी सी बूंद में 3000 से ज्यादा कोरोना के विषाणु रहते हैं , और एक संक्रमित व्यक्ति उपेक्षा करके किसी भी लोगों के या अंत में भीड़ भाड़ में बीच में आ जाय, बीच में छिंकने लग जाए तो शायद उसके कारण सैकड़ों लोगों को कोरोना का संक्रमण लग सकता है , अग्नि से या तेज आंधी तूफान से भी ज्यादा लोग संक्रमित हो सकते हैं लक डाउन के प्रभावी विकल्प से जब करोड़ों लोग घर में ही रहने के लिए मजबूर है, तो फिर इस सुवर्णसिद्धि का फायदा क्यों नहीं उठाना चाहते हैं घर में सुबह शाम दो बार योगासन प्राणायाम क्यों नहीं करते हैं ?

टीवी तथा इंटरनेट के माध्यम से घर में बैठे ही कर सकते हैं , योगासन तथा प्राणायाम करके शरीर को सशक्त सक्षम बनाया जा सकता है , सर्वप्रथम तो प्राण शक्ति का संचार होगा , इम्यून सिस्टम निश्चित ही अच्छी बढ़ती है  रोग प्रतिकारक क्षमता काफी अच्छी बढ़ती है, ऐसे लोग कोरोना से निश्चित ही बच सकते हैं  योग मार्ग भी एक प्रकार की अच्छी प्रभावी चिकित्सा पद्धति है मन और तन को भी काफी अच्छा सक्षम बना देती हैं कि सहसा जल्दी से लोग बीमार नहीं होते हैं भारत समग्र विश्व में योग का शिक्षक बन कर रहा है कपालभाति भस्त्रिका एवं अनुलोम विलोम करके ओमकार का उच्चार करने से भी रोग प्रतिरोधक शक्ति क्षमता बढ़ाकर सुरक्षित रह सकते हैं ।