गरीबों के मसीहा समाजवादी नेता लोकबंधु राजनारायण की पुण्यतिथि पर विश्वकर्मा महासभा ने अर्पित किया श्रद्धा सुमन 

वाराणसी |       ऑल इंडिया यूनाइटेड विश्वकर्मा शिल्पकार महासभा ने स्वतंत्रता सेनानी एवं समाजवादी नेता लोकबंधु राजनारायण की पुण्यतिथि पर वाराणसी स्थित राज नारायण पार्क में आज उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित किया , इस अवसर पर महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक कुमार विश्वकर्मा ने उनके व्यक्तित्व और कृतित्व को याद करते हुए कहा बनारस के गंगापुर स्थित मोती कोट गांव के भूमिहार ब्राह्मण जमींदार परिवार में जन्मे लोकबंधु राजनारायण शेर जैसा जिगर रखने वाले जुझारू एवं फक्कड़ हर किसी के मददगार सर्व सुलभ रहने वाले सादगी के प्रतीक जनप्रिय नेता थे , उनका व्यक्तित्व निश्छल और बेदाग था , आजादी के बाद भी वह आंदोलनकारी राजनीति से अलग नहीं हुए उन्होंने समय – समय पर काशी विश्वनाथ मंदिर में हरिजनों के प्रवेश को लेकर आंदोलन किया और बेनिया पार्क में स्थापित महारानी विक्टोरिया की मूर्ति को तोड़कर ब्रिटिश साम्राज्यवाद के गुलामी की स्मृतियों को समाप्त करने का भी आंदोलन चलाया , राज नारायण असमानता एवं अन्याय के विरुद्ध समता बंधुत्व और सद्भाव की खातिर बहुत प्रताड़ना सही और 80 बार जेल गए , उन्होंने अपनी 800 एकड़ पुश्तैनी कृषि भूमि का बड़ा हिस्सा भूमिहीन गरीबों , दलितों और पिछड़ों को बांट दिया था , लोकबंधु राजनारायण मस्त मौला , भुक्खड़ , फक्कड समाजवादी नेता से लेकर विधायक सांसद व केंद्रीय मंत्री तक का लंबा राजनीतिक सफर तय किया , गरीबों के मसीहा लोकबंधु राजनारायण के ओजस्वी विचार समदर्शी व्यवहार और नैतिक सरोकार सदैव प्रासंगिक रहेंगे , कार्यक्रम में प्रमुख रूप से नंदलाल विश्वकर्मा , सुरेश विश्वकर्मा , महेंद्र विश्वकर्मा , रामकिशुन विश्वकर्मा , रमेश विश्वकर्मा , भैरव विश्वकर्मा , छबीले विश्वकर्मा , मास्टर साहब , राजकुमार विश्वकर्मा , भीम विश्वकर्मा , मोहित विश्वकर्मा सहित अनेक लोग उपस्थित थे        |