गलवान पर अमेरिकी अखबार ने किया नया खुलासा

दिल्ली |      एक तरफ कोरोना का कहर बाद रहा है वही चीन और भारत में हुए हिंसक झड़प के कई खुलासे देखने को मिल रहे है ऐसा ही एक खुलासा अमेरिकी अखबार न्यूज वीक ने 11 सितंबर को अपने आर्टिकल में गलवान को लेकर चौंकाने वाली बातें लिखीं हैं इस आर्टिकल के मुताबिक 15 जून को गलवान में हुई झड़प में चीन के 60 से ज्यादा सैनिक मारे गए दुर्भाग्य से चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ही भारतीय क्षेत्र में आक्रामक मूव के आर्किटेक्ट थे लेकिन उनकी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी पीएलए इसमें फ्लॉप हो गई पीएलए से ऐसी अपेक्षा नहीं की जा रही थी और आर्टिकल में यह भी लिखा गया है कि भारतीय सीमा पर चीन की सेना की विफलता के परिणाम सामने आएंगे चीनी आर्मी ने शुरुआत में शी जिनपिंग से इस विफलता के बाद फौज में विरोधियों को बाहर करने और वफादारों की भर्ती करने की बात कही है जाहिर है बड़े अफसरों पर गाज गिरेगी सबसे बड़ी बात यह कि विफलता के चलते चीन के आक्रामक शासक जिनपिंग जो कि पार्टी के सेंट्रल मिलिट्री कमीशन के अध्यक्ष भी हैं और इस नाते पर वो पी.एल.ए. के लीडर भी है और वो भारत के जवानों के खिलाफ एक और आक्रामक कदम उठाने के लिए उत्तेजित होंगे दरअसल जिनपिंग के जनरल सेक्रेटरी बनने के बाद पी.एल.ए. की घुसपैठ और भी बढ़ती दिख रही है आपको बता दे कि मई की शुरुआत में ही लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) के दक्षिण में चीन की फौजें आगे बढ़ीं यहां लद्दाख में तीन अलग – अलग इलाकों में भारत – चीन के बीच टेम्परेरी बॉर्डर है सीमा तय नहीं है और पी.एल.ए. भारत की सीमा में घुसती रहती है बता दे कि मई में हुई घुसपैठ ने भारत को चौंका दिया था फाउंडेशन फॉर डिफेंस ऑफ डेमोक्रेसीज के क्लिओ पास्कल ने बताया कि मई के महीने में रूस ने भारत को यह बताया था कि तिब्बत के स्वायत्तशासी क्षेत्र में चीन का लगातार युद्धाभ्यास किसी इलाके में छिपकर आगे बढ़ने की तैयारियां नहीं हैं लेकिन 15 जून को चीन ने गलवान में भारत को चौंका दिया यह सोचा – समझा कदम था और चीन के सैनिकों के साथ झड़प में 20 भारतीय जवान शहीद हो गए और आपको बता दे कि गलवान में भारत – चीन के बीच हुई झड़प दोनों देशों में 40 साल बाद पहली खतरनाक भिड़ंत थी विवादित इलाकों में घुसना चीन की आदत है दूसरी ओर 1962 की हार से लकवाग्रस्त हो चुकी भारतीय लीडरशिप और जवान सुरक्षात्मक रहते हैं लेकिन गलवान में ऐसा नहीं हुआ यहां चीन के कम से कम 43 सैनिकों की जान गई पास्कल ने बताया कि यह आंकड़ा 60 के पार हो सकता है भारतीय जवान बहादुरी से लड़े और चीन खुद को हुए नुकसान को नहीं बताएगा और अगस्त के आखिर में 50 साल में पहली बार भारत ने आक्रामक रवैया अपनाया हाल ही में जिन ऊंचाई वाले इलाकों को चीन ने हथिया लिया था भारत ने उन पर फिर से अपना कब्जा कर लिया चीन की सेना तब चौंक गई जब उनकी ऊंचाई वाले इलाकों पर कब्जे की कोशिशों को भारतीय जवानों ने नाकाम कर दिया चौंके हुए चीनी सैनिकों को वापस लौटना पड़ा आपको बता दे कि चीन के पास जो दक्षिणी इलाके थे अब वो भारत के पास हैं अब चीन की सेना ऐसे इलाकों की तरफ बढ़ सकती है जहां कोई उनकी रखवाली के लिए नहीं है लेकिन युद्ध में ये इलाके कितने काम के होंगे ये अभी साफ नहीं है भारत घुसपैठियों को मौका नहीं दे रहा है पास्कल ने बताया कि आप भारतीय जवानों को ज्यादा आक्रामक या रक्षात्मक तौर पर आक्रामक कह सकते हैं लेकिन वास्तव में वो बोल्ड एंड बेटर हैं      |