गोरखपुर में हुआ सत्संग का रसपान

गोरखपुर / कृष्णकुमार शर्मा | मुख्यमंत्री के गृह जनपद गोरखपुर प्रांगण में बाबा जयगुरुदेव महाराज के अध्यात्मिक उत्तराधिकारी संत उमाकांत महाराज ने अपने सत्संग का रसपान कराते हुए कहा कि मानव जीवन को सफल बनाने के लिए शाकाहारी जीवन के महत्व को आज समझना होगा क्योंकि मावन शरीर के लिए शाकाहारी रहना ही ठीक है क्योंकि मांसाहारी भोजन मनुष्य के लिए नही है महाराज ने शाकाहारी रहने का संदेश भारत ही नहीं अपितु अन्य देशों में भी पहुँचा रहे है जैसे कि ब्रिटेन , चाइना , अमेरिका , हांगकांग , मॉरीशस , कतर आदि कई देशों में पहुँचा रहे है |

संत उमाकांत ने कहा मनुष्य का शरीर परमात्मा की मसाला से बनता है इसलिए मानव तन बहुमूल्य है जिसे पाने के लिए देवता भी तरसते हैं इसलिए जीवन जीने के लिए शाकाहारी होने का संकल्प हर ब्यक्ति को दीर्घायु व निरोगी जीवन जीने के लिए लेना चाहिए , मनुष्य का जीवन शाकाहार है और शाकाहार भोजन से ही मन बुद्धि ठीक रहेगी , मांसाहार से करोना जैसी बड़ी बड़ी बीमारिया फैलती है जिसका इलाज डॉक्टरों के पास भी नहीं है इसलिए मानव जीवन मे मांस और शराब को छोड़ने का भी आह्वान करते हुए कहां कि शराब बुद्धि नाशक नशा है जिसके सेवन से वह उच्च आदर्शों से बहक जाता है ऐसे लोग अपराध के रास्ते पर भी चल पड़ते हैं इसलिए जय गुरुदेव नाम ही कल्याणकारी है |

अंत में उन्होंने नए लोगों को नाम दान दिया और पुराने लोगों को आशीर्वाद दिया , और कहा जिस को फायदा ना हो वह नाम दान छोड़ सकता है मेरा कोई बंदिश नहीं है सत्संग समारोह में जयगुरुदेव संगत की गोरखपुर के अध्यक्ष रामप्रसाद शर्मा ,अच्छेलाल कसौधन ,विनय श्रीवास्तव, मनोज श्रीवास्तव , डॉ. दिनेश सिंह , पीआर भट्ट , दिनेश भट्ट , तिवारी त्रिपाठी आदि जय गुरुदेव के भक्त उत्तराधिकारी बाबा उमाकांत महाराज की सत्संग में सम्मिलित हुए |

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