छात्र मास्क और ग्लव्स पहनकर पहुंचे सेंटर देने JEE की परीक्षा

नई दिल्ली |      नेशनल टेस्टिंग एजेंसी एन.टी.ए. इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा JEE – मेन्स देशभर में मंगलवार से शुरू हो गई है ये परीक्षा छह सितंबर तक होगी इसके लिए देशभर में 660 परीक्षा सेंटर बनाए गए हैं पहले दिन सेंटर पर कोरोना से बचाव और सुरक्षा के इंतजाम देखने को मिले छात्र भी परीक्षा केंद्रों पर पूरी एहतियात के साथ देखे गए वे अपने साथ हैंड सैनिटाइजर लेकर आए इसके अलावा छात्र मास्क और फेस शील्ड लगाकर पहुंचे आपको बता दे कि परीक्षा में 8.58 लाख स्टूडेंट्स का रजिस्ट्रेशन है पहले दिन दो पारियों में सुबह 9 से दोपहर 12 बजे और दोपहर तीन से शाम 6 बजे तक परीक्षा होगी परीक्षार्थियों को दिए गए एडमिट कार्ड में कोरोना और अन्य 22 निर्देशों का पालन करना है परीक्षा केंद्र में सभी व्यवस्थाएं टचलेस है इस बार कोड से स्टूडेंट्स के एडमिट कार्ड चेक किए गए सेंटर से 20 मीटर दूरी तक ही गाड़ियों को पहुंचने की अनुमति दी गई है बता दे कि परीक्षा के दौरान सेंटर पर थ्री लेयर मास्क मिले इसे पहनने के बाद ही एंट्री मिली मध्यप्रदेश , ओडिशा , छत्तीसगढ़ सरकारों ने स्टूडेंट्स को परीक्षा केंद्रों तक लाने और ले जाने की मुफ्त वाहन व्यवस्था की आगे मध्यप्रदेश के विद्यार्थी 181 पर कॉल कर वाहन की सुविधा ले सकते हैं और 50 ml. सैनिटाइजर की ट्रांसपेरेंट बॉटल स्टूडेंट्स साथ लेकर जा सकेंगे किसी छात्र का तापमान 99.4 डिग्री से ज्यादा हुआ तो उसे आइसोलेशन रूम में 10 मिनट रखा जाएगा इसके बाद भी यदि तापमान ज्यादा रहा तो उसे आइसोलेशन रूम में ही परीक्षा दिलवाई जाएगी  | 

जानकारी के मुताबिक मध्यप्रदेश के भोपाल में 4 सेंटर बनाए गए हैं हर केंद्र में करीब 240 बच्चे एग्जाम दे सकते हैं परीक्षा केंद्रों पर पहुंचे अभिभावकों ने व्यवस्था की पोल खोली अभिभावकों का कहना था कि व्यवस्था तो दूर की बात रही कॉल ही नहीं लगा इसके कारण तनाव भी आया और गुस्सा भी लेकिन बच्चों के भविष्य का सवाल था इसलिए फिर खुद ही उन्हें लेकर सेंटर तक पहुंचे बता दे कि भोपाल से करीब 100 किलोमीटर दूर शाजापुर के कालापीपल से दिनेश अपनी बेटी को लेकर अयोध्या बाइपास स्थित कॉलेज में बने JEE एग्जाम सेंटर पहुंचे उन्होंने बताया कि एक दिन पहले समाचारों के जरिए सरकार द्वारा बच्चों को सेंटर तक पहुंचाने के लिए गाड़ियों का इंतजाम किए जाने की जानकारी मिली थी इसके लिए टोल फ्री नंबर 181 पर हम लगातार कॉल करते रहे क्योंकि उसमें रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी था कोई जवाब ही नहीं मिला फिर बाइक से बेटी को एग्जाम दिलाने पहुंचे   |