जलती लाशें खोल रही हैं सत्ताधारी शिवसेना की विफलता की पोल

ठाणे | ठाणे मनपा में सत्तासीन शिवसेना की लापरवाही के कारण ही शहर पर कोरोना कहर बनकर मंडरा रहा है कोरोना से निपटने में सत्ताधारी दल हर मोर्चे पर विफल रही है आज उसी का परिणाम है कि ठाणे शहर में लाशों का अंबार देखने को मिल रहा है दुख की बात है कि मौतों के आंकड़े को भी सत्ताधारी दल के दबाब में दबाया जा रहा है ठाणे शहर में जलती लाशें इस बात की गवाही दे रही है कि कोरोना से लडऩे में शिवसेना बुरी तरह से विफल रही है इन बातों का जिक्र करते हुए भाजपा के ठाणे शहर जिला अध्यक्ष व विधायक निरंजन डावखरे ने आरोप लगाया है कि पूर्व जानकारी के बाद भी कोरोनारोधी उपाय योजनाओं को लेकर मनपा में सत्तासीन शिवसेना ने लापरवाही बरती है
ठाणे शहर में कोरोना रोगियों की संख्या एक लाख के ऊपर जा चुकी है सरकारी अस्पताल हो या निजी अस्पताल रोगियों को बेड उपलब्ध नहीं हो रहे हैं रेमडिसिवर जैसी दवाओं का शहर में घोर अभाव है इतना ही नहीं ऑक्सीजन के अभाव में रोगियों की जानें जा रही हैं शिवसेना सिर्फ लाशें गिनने का काम कर रही है इन बातों का जिक्र करते हुए निरंजन डावखरे ने आरोप लगाया कि शहर में मृतकों के आंकड़े छिपाए जा रहे हैं लेकिन श्मशान गृह में जलती लाशें ठाणे मनपा में सत्तासीन शिवसेना की विफलता की पोल खोल रही हैं |

जबकि ठाणे मनपा प्रशासन अपने उपलब्ध संसाधनों के बल पर कोरोना को हर संभव मात देने में लगा है सत्ताधारी शिवसेना ने ठाणे मनपा प्रशासन को भी असहाय बना दिया है इन बातों का जिक्र करते हुए डावखरे ने सचेत किया है कि आगे स्थिति और भी कोरोना को लेकर गंभीर हो सकती है यदि ऑक्सीजन और रेडमिसिवर की पर्याप्त उपलब्धता नहीं हो पाई तो मृतकों की संख्या में भारी वृद्धि की संभावना को नकारा नहीं जा सकता है इसके बाद भी भाजपा कोरोना से निपटने में शिवसेना को हर संभव मदद देने को उतावली रही है पार्किंग प्लाजा कोविड केयर सेंटर में एकाएक ऑक्सीजन की कमी के बाद यदि मनपा प्रशासन ने रोगियों को तुरंत हटाने का निर्णय नहीं होता तो बड़ी अनहोनी तय थी लेकिन मनपा स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी तथा कर्मचारी की तत्परता से अनहोनी टली थी , इसके साथ ही डावखरे ने आरोप लगाया कि कोरोनारोधी उपाय योजनाओं को लेकर सत्ताधारी दल ने किसी तरह की पूर्व तैयारी को प्राथमिकता नहीं दी जिस कारण प्रशासन को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है हद हो गई शहर में मृतकों के आंकड़े भी दबाने का प्रयास किया गया इतना ही नहीं कोरोना मृतकों के बॉडी रखने के लिए काम में आनेवाली प्लास्टिक थैलियां तक स्वास्थ्य विभाग के पास उपलब्ध नहीं था , लाशों को कचरा प्लास्टिक में रखा गया , इससे दुख की बात और क्या हो सकती है लेकिन इसको लेकर भी स्वास्थ्य विभाग और सत्ताधारी दल अभी भी सतर्क नहीं हुआ है डावखरे ने सवाल किया है कि आखिर किसके इशारे पर रेमडिसिवर दवाओं की कालाबाजारी की जा रही है ऐसे कई संवेदनशील मुद्दे हैं जिस पर गहराई से सत्ताधारी दल को विचार करना चाहिए |

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