जहरीली शराब का जाने इलाज

प्रतापगढ़ |       प्रतापगढ़ जिले में जहरीली शराब पीने से सात लोगों की मौत हो गई और पिछले महीने प्रयागराज जिले में 16 लोगों की जान भी चली गई थी , ये वो घटनाएं हैं जो हाल – फिलहाल में हुई हैं और हमें याद हैं हर साल ऐसी ढेरों घटनाएं होती हैं सैकड़ों जानें जाती हैं हजारों लोग बीमार होते हैं लेकिन जहरीली शराब है क्या ? शराब जब जहरीली है तो लोग पीते क्यों हैं ? और ये शराब जब जान ले लेती है तो बिकती क्यों है ?

शराब कैसे बन जाती है जहरीली ?

कच्ची शराब को जब ज्यादा नशीला बनाने के लिए कैमिकल मिलाते हैं तो ये जहरीली हो जाती है और देसी शराब बनाने के लिए पहले महुआ , गुड़ , शीरा से लहान तैयार करते हैं और फिर इसे मिट्टी में दबा दिया जाता है इसे ज्यादा नशीला बनाने के लिए इसमें यूरिया , बेसरमबेल और ऑक्सीटोसिन मिलाते हैं यही मिलावट मौत का कारण बनती है इतना ही नहीं शराब को ज्यादा नशीली बनाने के लिए इसमें सांप और छिपकली तक मिला दी जाती है कई बार अवैध शराब बनाने के लिए डीजल , मोबिल ऑयल , रंग रोगन के खाली बैरल और पुरानी हांडियों (बर्तन) का इस्तेमाल किया जाता है            |

देसी शराब पीने से क्यों हो जाती है मौत ?

बता दे कि एम्स से डी.एम. कार्डियोलॉजिस्ट डॉक्टर संजय चुघ कहते हैं कि देसी शराब में अमोनियम नाइट्रेट (यूरिया) और ऑक्सीटोसिन मिलाने से मेथेनॉल (मिथाइल एल्कोहल) बन जाता है और यही बाद में मौत का कारण बनता है एवं मेथेनॉल की अधिकता से शराब टॉक्सिक बन जाती है इसके बाद मेथेनॉल जब शरीर में मेटाबोलाइज होता है तो वो फार्मेल्डिहाइड बनाता है और बाद में फॉर्मिक एसिड बन जाता है जो कि जहर है इसके शरीर में जाते ही ब्रेन और आंख सबसे पहले प्रभावित होती हैं इसके बाद बॉडी के दूसरे ऑर्गन काम करना बंद कर देते हैं और व्यक्ति की मौत हो जाती है आपकी जानकारी के लिए कि 15 से 500 ML तक की मात्रा में मेथेनॉल लेने पर व्यक्ति की मौत हो जाती है तथा देसी शराब को ज्यादा नशीला बनाने के लिए ऑक्सीटोसिन भी मिलाया जाता है और स्टडी में पता चला है कि ऑक्सीटोसिन से नपुंसकता और नर्वस सिस्टम से जुड़ी बीमारियाें का खतरा रहता है ऑक्सीटोसिन के सेवन से आंखों और पेट में जलन होती है आंखों की रोशनी भी जा सकती है         |

जानिए , जहरीली शराब पीने वाले का इलाज क्या है ?

डॉक्टर चुघ कहते हैं कि खास बात है कि जहरीली शराब का इलाज भी शराब (ऐथेनॉल) ही है इसके अलावा फॉमीपीजोल दवा भी कारगर है मेथेनॉल के जहर का इलाज एथेनॉल है जहरीली शराब के एंटीडोट के तौर पर टैबलेट भी मिलते हैं लेकिन भारत में इनकी उपलब्धता कम है एवं जहरीली शराब पीने वाले व्यक्ति को तुरंत अस्पताल में भर्ती करवाने की जरूरत होती है इसके बाद जहर को शरीर से निकालने के लिए मरीज का डायलिसिस भी करना पड़ सकता है तथा मरीज का सिर्फ सपोर्टिव इलाज ही होता है जैसे ऑक्सीटोसिन को ठीक करना और मेथाइल एल्कोहल के लिए एंटीडोट देना और कई बार मरीज के पेट की धुलाई (स्टमक वॉश) भी मददगार हो सकता है लेकिन यदि उसे भर्ती कराने में देर हो गई है तो इसका कोई फायदा नहीं है           |

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