जालंधर के इंजीनियर ने बनाया वोकल फॉर लोकल Tictok App

जालंधर , मनीष शर्मा |  एक तरफ कोरोना का कहर है वही इंडिया में नए टिकटोक एप का आगमन हुआ है , आपको बता दे की वोकल फॉर लोकल इंडियन टिकटोक एप बनाकर पंजाब के जालंधर के एक साॅफ्टवेयर इंजीनियर ने चीनी एप को तगड़ा जवाब दिया है , प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वोकल फॉर लोकल के आह्वान से प्रेरित होकर सॉफ्टवेयर इंजीनियर सुमेश सैन ने मेड इन इंडिया टिकटॉक (tictok) एप तैयार किया है। इस एप की खास बात है कि इससे मनोरंजन के संग आम लाेग कमाई भी कर सकते है , बता दें कि चीन के विवादित एप पर लद्दाख के गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों के बीच झड़प से उपजे तनाव के बाद भारत में चीन के सभी एप पर प्रतिबंधित लगा दिया गया था , यह मेड इन इंडिया वोकल फॉर लोकल टिकटॉक एप ( Vocal for Local indian Tictok App ) गूगल प्ले स्टोर पर आ गया है और जल्द ही आइफोन के लिए आइओएस प्लेटफॉर्म पर भी उपलब्ध हो जाएगा |
इस एप को बनाने वाले शिक्षा इन्फोसिस के सीईओ सॉफ्टवेयर इंजीनियर सुमेश सैनी ने कहा कि चीनी टिकटॉक एप के मुकाबले उनका यह एप काफी बेहतर है , इसमें चीनी एप से ज्यादा फीचर व सुविधाएं दी गई हैं , इसके अलावा इसमें लोगों को ट्विटर व फेसबुक की तरह ब्लूटिक की भी सुविधा मिलेगी , वही चीनी टिकटॉक एप में लोगों को सीधे कमाई नहीं होती थी और उन्हें स्थानीय विज्ञापनों पर निर्भर रहना पड़ता था लेकिन इसमें लोगों को सीधे कमाई होगी  |
सॉफ्टवेयर इंजीनियर सुमेश सिंह ने कहा कि उन्होंने इसे अभी शुरु किया है लेकिन भारत के साथ इसे दक्षिण अफ्रीका और उत्‍तर अमेरिका के लोगों ने भी इंस्टॉल करना शुरू कर दिया है , एप में अगर कोई कमी होगी तो उसे भी यूजर्स के फीडबैक के साथ धीरे – धीरे अपडेट वर्जन के तौर पर दूर किया जाता रहेगा , यूजर्स की सुरक्षा के सवाल पर उन्होंने कहा कि चीनी टिकटॉक एप का सारा डेटा विदेश में स्टोर ‌हो रहा था लेकिन इसका जो भी डेटा होगा वह भारत में ही रहेगा , उन्होंने यह भी कहा कि एप पर अभी से हैकर्स स्ट्राइक कर रहे हैं लेकिन इससे निपटने के लिए भी पूरे इंतजाम किए गए हैं |
पूर्व केंद्रीय मंत्री विजय सांपला ने भी इस मेड इन इंडिया वोकल फॉर लोकल टिकटॉक एप (Vocal for Local indian Tictok App) की सराहना की है , सांपला ने कहा कि बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक लोग चीनी एप से जुड़ गए थे लेकिन भारत सरकार को अपने लोगों की सुरक्षा को मद्देनजर रखते हुए चीन के टिक टोक एप समेत 59 एप को बैन करना पड़ा , उन्होंने खुशी जताई कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर पंजाब और खासकर जालंधर के युवक ने यह पहल कर दी है |