ट्रेडीशनल मेडिसिन सिस्टम के विषय पर दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन हुआ संपन्न

गोरखपुर /जोखन प्रसाद  | सेंट एंड्रयूज कॉलेज गोरखपुर में चल रहे ट्रेडीशनल मेडिसिन सिस्टम्स देयर रेलवेन्स एंड इंर्पोटेंस इन हेल्थकेयर सिस्टम्स आफ टुडे एंड टुमारो विषय पर चल रहे दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला के दूसरे दिन प्रातः काल तकनीकी सत्र में सबसे पहले कार्यशाला में डिपार्टमेंट ऑफ बायो टेक्नोलॉजी डीडीयू गोरखपुर यूनिवर्सिटी गोरखपुर के प्रोफेसर दिनेश यादव ने हर्बल मेडिसिंस और बायो टेक्नोलॉजी का योगदान विषय पर व्याख्यान दिया तत्पश्चात वीएसआई पुणे के डॉ बेनियामिन ने हर्बल मेडिसिंस और उनका निष्कर्षण का विषय पर प्रकाश डाला इसके तत्पश्चात दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के वनस्पति विज्ञान विभाग के डॉ ए के द्विवेदी ने हर्बल मेडिसिन के निष्कर्षण मे वनस्पति विज्ञान की उपयोगता विषय पर व्याख्यान दिया और नैनो साइंस और नैनो तकनीकी विभाग भारतीयार विश्वविद्यालय कोएम्बटुर के डॉ प्रेमसुधा ने नैनोतकनीकी का आयुर्वेदिक औषधियों में क्या योगदान हो सकता है इस विषय पर व्याख्यान दिया तो वही के एस वारियर अष्टांग आयुर्वेदिक प्राइवेट लिमिटेड के डॉ गिरीश वरियर ने कोविडं- 19 में हम कैसे स्वस्थ रह सकते हैं उसके विषय में बताया ।

द्वितीय तकनीकी सत्र में आईएफज़ीटीवी तमिलनाडु के डॉ राजशेखर ने आयुर्वेद और कोविडं -19 विषय पर व्याख्यान दिया , सेंट एंड्रयूज कॉलेज गोरखपुर के रसायन विज्ञान विभाग के डॉ अमित मसीह ने मेडिसिनल प्लांटस का मधुमेह बीमारी में क्या योगदान है इसके बारे में विस्तार से चर्चा की तत्पश्चात भौतिक विज्ञान विभाग के डॉ हरि ओम गुप्ता ने बायोफिजिक्स विषय को बहुत ही सारगर्भित तरीके से समझाया , राजस्थान केंद्रीय विश्वविद्यालय अजमेर के फॉर्मेसी विभाग के डॉ कैसर रजा ने हर्बल फार्मासिटीकल स्कोप एंड चैलेंज विषय पर सारगर्भित तरीके से हर्बल दवाओं की बनाने उनका योगदान और उनके उपयोग मे क्या-क्या चैलेंज है इस पर विस्तार से चर्चा की तत्पश्चात अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान गोरखपुर के ऑर्थोपेडिक सर्जन डॉ अतिल कुमार लाल ने कोविड-19 में कैसे स्वस्थ रहा जा सकता है घुटने की बीमारियों व उनका प्राकृतिक तरीके से  उपचार कैसे हो विषय पर विस्तार से चर्चा की |

कार्यक्रम के समापन सत्र में मुख्य अतिथि के रुप में जीबी पंत नेशनल इंस्टीट्यूट आफ हिमालयन एनवायरनमेंट अल्मोड़ा के डॉ चंद्रशेखर ने हिमालय क्षेत्र के शुष्क मरुस्थलीय की वनस्पतियों के विभिन्नता तथा उनकी उपयोगिता के बारे में बताया , समापन में कार्यक्रम के आयोजन सचिव डॉ एस डोमिनिक राजकुमार ने सभी को धन्यवाद ज्ञापित किया इस अवसर पर सम्मेलन के समन्वयक डॉ जेके पांडेय , डॉ अमित मसीह , डॉ हरिओम गुप्ता , डॉ आईजेक एल मैथ्यू तथा डॉ शशांक कुमार सिंह सहित क्षमा त्रिपाठी , प्रीति प्रकाश सहित रिसर्च स्कॉलर मौजूद थे ।