दो महीने का वादा छह महीने में भी नहीं हो पाया पूरा
ठाणे | ठाणे के पोखरण-२ स्थित वोल्टास में एक हजार बेड क्षमता के कोविड अस्पताल बनाने का निर्णय कोरोना की दूसरी लहर से निपटने हेतु लिया गया था , अस्पताल निर्माण के लिए १२ करोड़़ की निधि दी जानेवाली थी , इसके लिए टेंडर भी निकाल दिया गया था लेकिन छह महीने बाद भी यह अस्पताल साकार नहीं हो पाया है इसको लेकर मनसे ने विरोधी आवाज बुलंद की है साथ ही आरोप लगाया कि अस्पताल निर्माण का टेंडर देते समय ११ करोड की वृद्धि कर दी गई थी , इन बातों का खुलासा करते हुए मनसे के जनहित व विधि विभाग ठाणे शहर अध्यक्ष स्वप्नील महिंद्रकर ने बताया कि दो महीने में यह अस्पताल बनाया जाना था लेकिन छह महीने बाद भी काम पूरा नहीं हो पाया है |
बताया गया है कि गत वर्ष जब कोरोना संकट के समय ठाणे शहर में स्वास्थ्य यंत्रंणा चरमराई तो उक्त अस्पताल बनाने का निर्णय लिया गया ताकि रोगियों को ऑक्सीजन (वेंटिलेटर) और बेड उपलब्ध हो सके , गत वर्ष 25 जून 2020 को पोखरण-२ वोल्टास में एक हजार बेड क्षमता वाले कोविड अस्पताल बनाने का निर्णय लिया गया और इस अस्पताल का निर्माण सिडको की मदद से किया जानेवाला था अस्पताल में ऑक्सिजन बेड्स , नॉन ऑक्सिजन बेड्स , डायलिसिस सेंटर , आयसीसीयू बेड्स , वेंटिलेटर आदि की सुविधा उपलब्ध कराने की बात कही गई थी लेकिन इस समय अस्पताल निर्माण लागत १२ करोड़ से बढ़कर २३ करोड़ पर पहुंच गया है महिंद्रकर का आरोप है कि प्रशासन तथा सिडको प्रशासन की उदासीनता के कारण ऐसी स्थिति आई है इस समय ठाणे शहर में रोजाना एक हजार से अधिक कोरोना रोगी पाए जा रहे हैं ऐसी स्थिति में निजी अस्पताल भी हाऊसफुल होने के करीब है नए रोगियों को बेड उपलब्ध नहीं हो रहा है उन्होंने मांग की है कि जल्द पोखरण-२ वोल्टास कोविड अस्पताल शुरू किया जाए अन्यथा मनसे विरोध आंदोलन करने को विवश होगी |