नागरिक समस्याओं की आड़ में हर घरों का दरवाजा खटखटाएगी राकांपा

किया गया अर्बन सेल कमिटी का गठन 
ठाणे । जैसे-जैसे चुनावी दिन नजदीक आ रहे हैं वैसे-वैसे ठाणे शहर में राकांपा की गतिविधियों भी तेज होने लगी है , ठाणे शहर में विरोध आंदोलनों का कीर्तिमान राकांपा अब सीधे नागरिकों से संपर्क साधेगी, ऐसा पहली बार किया जा रहा है ।
राकांपा की पहुंच और पकड़ शहरी भागों में मजबूत हो , इसके लिए मेरा सिटी- मेरा एजेंडा के तर्ज पर काम शुरू किया जाएगा , इसके लिए राकांपा ने विधिवत अर्बन सेल कमिटी का गठन किया है , इस कमिटी से पार्टी के तमाम नगरसेवक, पदाधिकारी जुड़े रहेगे ।
कमिटी की अध्यक्षा वंदना चव्हाण और उपाध्यक्षा विद्या चव्हाण ने ठाणे शहर के एक होटल में नगरसेवकों और पार्टी पदाधिकारियों की विशेष क्लास ली , जिसमें बताया गया कि ठाणे के शहरी क्षेत्रों में कौन सी समस्या है ?, नागरिकों से कैसे बोलना चाहिए और नागरिकों की समस्याओं को मनपा की महासभा में नगरसेवक कैसे उठाकर उसे किस प्रकार दूर करेंगे तथा विरोधियों से कैसे निपटना है ।
कमिटी की इस विशेष बैठक में पार्टी के सभी सेल के पदाधिकारी, राकांपा इकाई के पदाधिकारी और नगरसेवक शामिल थे , इस बैठक में शहर अध्यक्ष आनंद परांजपे, विरोधी पक्षनेता मिलिंद पाटिल, गुट नेता हणमंत जगदाले सहित अन्य पदाधिकारी व नगरसेवक देखे गए ।
कमिटी की अध्यक्षा वंदना चव्हाण और उपाध्यक्षा विद्या चव्हाण ने बैठक में उपस्थित सभी नगरसेवकों और पदाधिकारियों का मार्गदर्शन किया , शहर की यातायात जाम की समस्या हो या फिर पानी, गटर, नाले व नागरिकों से जुड़़े अन्य समस्याओं का कैसे समाधान करना है |
नागरिकों के बीच जाकर कैसे उनसे बातचीत कर उनकी समस्याओं को जानना है और उसे दूर करना है , इसको  लेकर भी विशेष मार्गदर्शन किया गया बैठक में बताया गया कि  शहर का डीपी क्या है और नया डीपी कब तैयार होने वाला है , सभी जानकारियों को एकत्रित कर राकांपा अब अपना एजंडा बनाने वाली है ।
इसके साथ ही नगरसेवक, कार्यकर्ता और पार्टी के पदाधिकारी किस प्रकार जनता के बीच सतत बने रहें , उसके भी टिप्स दिए गए , बैठक में इस बात पर विशेष फोकस किया गया कि विरोधी दल होने के कारण उन्हें कैसे काम करना है , ताकि जनकल्याण का मार्ग प्रशस्त हो सके ।
अन्य मह्त्वपूर्ण मुद्दों पर काफी चर्चा हुई , इस दौरान पार्टी की सभागृह के बाहर और अन्दर क्या भूमिका होनी चहिये, इस पर भी आम सहमति बनाते हुए एक साथ मिलकर काम करने पर मुहर लगी , इस दौरान प्रत्येक गुट को दो-दो घंटे का समय दिया गया था ।
इसके माध्यम से नगरसेवकों ने क्या काम किया, सत्ताधारी किस प्रकार गलत तरीके से सभागृह में प्रस्ताव लाकर उसे बहुमत के आधार पर मंजूर करते है ऐसे में ऐसे गलत प्रस्तावों का किस प्रकार एक साथ मिलकर विरोध करना है , उपरोक्त सारे विषयों पर चर्चा हुई ।
साथ ही पार्टी के बैनर तले मिलकर काम करने की सलाह दी गई, गलत प्रस्ताव सत्ताधारी दल ने बहुमत के आधार पर मंजूर किया है , उसका कैसे विरोध किया जाए और जनता के बीच किस प्रकार जाकर सच्चाई बताई जाए , तमाम मामलों को लेकर कमिटी की अध्यक्षा वंदना चव्हाण और उपाध्यक्षा विद्या चव्हाण ने  मार्गदर्शन किया ।