निजी स्कूल फीस रियायत देने को नहीं है राजी

ठाणे | कोरोना संकट के कारण स्कूलों में बच्चों की पढ़ाई नहीं हो रही है अधिकांश स्कूलों में ऑनलाइन पढ़ाई करवाई जा रही है दूसरी ओर कोरोना संकट के कारण स्कूली बच्चों के अभिभावकों को आर्थिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है इसके साथ ही स्कूल प्रबंधन अपनी मनमानी दिखा रहा है स्कूली फीस में रियायत देने की बात तो दूर रही अब तो स्कूली फीस में वृद्धि की जा रही है जिसको लेकर अभिभावकों में गहरा आक्रोश है इस मामले को लेकर मनसे विधि विभाग के ठाणे शहर अध्यक्ष स्वप्निल महेंद्रकर ने विरोधी आवाज बुलंद की है |

बता दे कि उनका आरोप है कि निजी स्कूल फीस रियायत को लेकर न्यायालय के निर्देश का पालन करने से कतरा रहे हैं और तो और स्कूल की फीस में बढ़ोतरी भी की जा रही है विदित हो कि कोरोना संकट के कारण स्कूली फीस को लेकर राष्ट्रीय स्तर पर काफी चर्चा में हुई लेकिन निजी स्कूल प्रबंधन फीस को लेकर किसी भी तरह की रियायत देने को राजी नहीं हुआ , ऐसी स्थिति में फीस वसूली का मामला न्यायालय तक पहुंचा और न्यायालय ने निर्देश दिया की फीस में 15 प्रतिशत की कटौती की जाए लेकिन विद्यालय प्रबंधन का कहना है कि वह तब तक इस निर्देश का अनुपालन नहीं करेंगे जब तक इस बारे में राज्य सरकार किसी तरह का अध्यादेश नहीं लाती है राज्य सरकार को ही बहाना बनाकर ठाणे शहर के कई स्कूलों में फीस कम करने की बात तो दूर रही फीस में वृद्धि भी की जा रही है इन बातों का जिक्र करते हुए मनसे नेता स्वप्निल महेंद्रकर का कहना है कि यदि ठाणे शहर स्थित निजी स्कूलों में इसी तरह की तानाशाही चलती रही तो अभिभावक किसी भी समय आक्रामक हो सकते है वर्तकनगर के विद्यालयों में भी इस तरह की हरकतें विद्यालय प्रबंधन द्वारा की जा रही हैं इसलिए माता – पिता अपने बच्चों की पढ़ाई को लेकर चिंतित हैं शिक्षा विभाग से शिकायतों के बावजूद शिक्षा विभाग ने स्पष्ट किया है कि जब तक 15 फीसदी फीस रियायत पर सरकार के दिशा-निर्देश नहीं मिलते हैं तब तक स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की जा सकती है |

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