नेपाल की झील फटने का था अलर्ट , उत्तराखंड के चमोली में टूट गया ग्लेशियर 

महाराजगंज / विनय त्रिपाठी |      नेपाल में झील फटने की आशंका एक दिन पहले जता दी गई थी , इसे संयोग कहा जाएगा कि नेपाल में झील तो नहीं फटी , उसके पड़ोसी उत्तराखंड में ग्लेशियर जरूर टूट गया और उत्तराखंड के चमोली में ग्लेशियर फटने से भारी तबाही , रेस्क्यू ऑपरेशन जारी
ऋषिगंगा नदी पर पावर प्रोजेक्ट के डैम का हिस्सा टूटने का पूर्वानुमान नहीं था , नेपाल के दार्चूला में स्थित महाकाली नदी पर बनी झील के फटने की आशंका थी नेपाल से इसकी सूचना लखीमपुर खीरी और पीलीभीत प्रशासन को दी गई थी     |

उत्तराखंड ग्‍लेशियर टूटने से आया सैलाब 

जानिए अब कैसे हालात उत्तराखंड के चमोली में ग्लेशियर टूटने से भारी तबाही हुई है रेस्क्यू ऑपरेशन में भारतीय वायुसेना (IAF) , SDRF और ITBP के जवान जुटे हुए हैं इस बीच एक नई जानकारी सामने आई है बताया जा रहा है कि ऋषिगंगा नदी पर पावर प्रोजेक्ट के डैम का हिस्सा टूटने के बाद तबाही का कोई पूर्वानुमान नहीं था इसकी बजाए नेपाल में झील फटने की आशंका एक दिन पहले जता दी गई थी , अब इसे संयोग कहा जाए या कुदरत का कहर नेपाल में तो झील नहीं फटी बल्कि उसके पड़ोसी उत्तराखंड में ग्लेशियर जरूर टूट गया             |

नेपाल से अलर्ट रहने को कहा गया था

असल में उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले की सीमा से लगे नेपाल के दार्चूला में स्थित महाकाली नदी पर बनी झील के किसी भी समय फटने की आशंका नेपाल की ओर से जताई गई थी , नेपाल के कंचनपुर जिला प्रशासन की ओर से इसकी सूचना लखीमपुर खीरी और पीलीभीत जिले को भी भेजी गई थी क्योंकि नेपाल की यह महाकाली नदी उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश में शारदा नदी के नाम से जानी जाती है नेपाल की ओर से लखीमपुरी खीरी के जिला प्रशासन को वॉट्सऐप पर भेजी गई सूचना में सतर्कता बरतने को कहा गया , इसके बाद लखीमपुरी खीरी के ए.डी.एम. अरुण कुमार सिंह की ओर से जिले के सभी एस.डी.एम. , सिंचाई विभाग के अधिकारियों और बी.डी.ओ. (ब्लॉक डेवलपमेंट ऑफिसर) को शारदा नदी के किनारे रहने वाले लोगों को अलर्ट करने का निर्देश दिया गया था           |

नहीं फटी झील लेकिन ग्लेशियर टूट गया 

अब इस बात की चर्चा हो रही है कि नेपाल में तो महाकाली नदी की झील तो नहीं फटी लेकिन चमोली में ग्लेशियर टूट गया इसे संयोग भी माना जा रहा है इन सबके बीच जानकारों का कहना है कि नेपाल में झील टूटने का खतरा अभी भी बकररार है ऐसे में इसको लेकर अलर्ट भी बरकरार ही रहेगा      |

उत्तराखंड में आपदा

जल प्रलय के बाद इंडियन एयरफोर्स ने की रेकी और यह पता चला कि शारदा नदी में आ सकती थी बाढ़ यदि नेपाल में झील फटती तो निश्चित ही शारदा नदी में बाढ़ आ जाती और इससे उत्तराखंड होते हुए महाकाली नदी का पानी यूपी के उन जिलों के गांवों में घुस सकता था जहां – जहां से शारदा नदी गुजरती है और इन जिलों में लखीमपुरी खीरी और पीलीभीत हैं लखीमपुर खीरी का बड़ा हिस्सा शारदा नदी से जुड़ा है एवं महाकाली नदी में पहाड़ का हिस्सा गिरा था इसलिए अलर्ट बताया गया कि एक फरवरी को पहाड़ी क्षेत्र में भूस्खलन (Landslide) हुआ था इस बीच पहाड़ का बड़ा हिस्सा नेपाल में महाकाली नदी में गिर गया , जिससे नदी के पानी का बहाव रुक गया और वहां इकट्ठा हुए पानी ने झील का रूप ले लिया ऐसे में इस झील के फटने की आशंका के चलते नेपाल के कंचनपुर जिला प्रशासन की ओर से महाकाली नदी और आसपास क्षेत्र के लिए हाई अलर्ट जारी कर बाढ़ की आशंका जताई गई है      |

उत्तराखंड : ग्लेशियर टूटने से भारी तबाही , दिखा कुदरत का कहर 

अलर्ट में कहा गया है कि नेपाल की महाकाली नदी के साथ ही भारत की शारदा नदी का भी जलस्तर बढ़ेगा , जिससे बाढ़ आने की आशंका है नेपाल प्रशासन की ओर से जारी अलर्ट के बाद सीमा से लगी 49वीं और 39वीं वाहिनी एस.एस.बी. की सभी बी.ओ.पी. को कंट्रोल और एंटी क्राइम एन.सी.ओ. के माध्यम से जानकारी दी गई है बाढ़ से बचाव के उपाय और आर.आर.टी. को तैयार रहने के भी निर्देश दिए गए हैं         |