पड़ोसी मुल्क ने अपने देश के 26 जमातियों को लेने से किया इंकार 

महाराजगंज  | भारत-नेपाल सीमावर्ती रूपईडीहा में बुधवार और बृहस्पतिवार को भारतीय व नेपाली अधिकारियों की मौजूदगी में करीब 5,600 नागरिकों की अदला-बदली की गई है , हालांकि प्रांत की बाध्यता का हवाला देकर नेपाली अधिकारियों ने अपने ही राष्ट्र के 26 जमातियों को लेने से इंकार कर दिया है पुलिस अधीक्षक विपिन मिश्र ने शुक्रवार को बताया कि बुधवार व बृहस्पतिवार को नेपाल में फंसे 2,811 भारतीय नागरिकों को भारतीय सीमा में प्रवेश दिया गया है , इनमें से अधिकांश उत्तर प्रदेश के नागरिक हैं तो कुछ अन्य प्रांतों के भारत पहुंचे इन सभी नागरिकों की जांच करवा कर इन्हें इनके घर वापस भेजा जा रहा है जहां इन्हें घर पर क्वॉरेंटाइन करके रखा जाएगा , मिश्र ने बताया कि इसी दरमियान भारत के विभिन्न प्रांतों से रूपईडीहा सीमा पर पहुंचे 2,738 नेपाली नागरिकों को नेपाली अफसरों के हवाले किया गया है , एसपी ने बताया कि नेपाली मूल के 26 जमाती तथा बहराइच के रूपईडीहा व नानपारा इलाकों के 10 भारतीय जमाती पश्चिमी यूपी के शामली जिले से आए हैं ।

ये सभी बुधवार देर रात रूपईडीहा बार्डर पर पहुंचे तो बहराइच जिला निवासी 10 भारतीय जमातियों को तो सुरक्षित घर पर क्वॉरेंटाइन में रखा गया मिश्र के अनुसार, लेकिन नेपाली सीमावर्ती जिले के अधिकारियों ने अपने 26 जमातियों को यह कहकर लेने से इंकार कर दिया कि “हम सिर्फ रूपईडीहा सीमा के नजदीकी प्रांत अंतर्गत बांके, डांग, बरदिया व रूकुम आदि नेपाली जिलों के नागरिकों को ही ले सकते हैं , मिश्र ने बताया कि नेपाली अधिकारियों का कहना था कि “अन्य नेपाली प्रांतों के नेपालियों को उन प्रांतों के नजदीकी बार्डर पर ही भेजा जाए इनके विषय में वहां के अधिकारी निर्णय लेंगे उन्होंने बताया कि फिलहाल इन सभी जमातियों को रूपईडीहा क्षेत्र के एक आश्रय गृह में सुरक्षित क्वॉरेंटाइन में रखा गया है वरिष्ठ अधिकारियों से बात कर इनके विषय में निर्णय लिया जाएगा है ।

उन्होंने बताया कि नागरिकों के आदान प्रदान में नेपाली सीमावर्ती जनपदों के वरिष्ठ प्रशासनिक व सुरक्षा बलों के अधिकारियों के अलावा भारतीय क्षेत्र से जिलाधिकारी शंभू कुमार, पुलिस अधीक्षक विपिन मिश्र, खुफिया एजेंसियों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे , उल्लेखनीय है कि इससे पूर्व बीती 14-15 मई को 1800 नागरिकों की अदला बदली हुयी थी इनमें 1074 भारतीय व 723 नेपाली नागरिकों को एक दूसरे के हवाले किया गया था बीते दिनों रूपईडीहा सीमा पर पहुंचे कुछ नेपाली नागरिकों ने नेपाल द्वारा प्रवेश नहीं देने के विरोध में अपने ही राष्ट्र नेपाल सरकार के खिलाफ सीमा पर नारेबाजी की थी बाद में भारतीय अधिकारियों ने इन्हें समझा-बुझाकर व नेपाल भेजने का आश्वासन देकर आश्रय केन्द्र भिजवाया था ।

रतनपुर से विनय त्रिपाठी की रिपोर्ट