परोपकार और उदारता ही सच्ची मानवता :- अशोक विश्वकर्मा

वाराणसी |     विश्व मानवता दिवस के अवसर पर ऑल इंडिया यूनाइटेड विश्वकर्मा शिल्पकार महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक कुमार विश्वकर्मा ने मानवीय उद्देश्यों के कारण दूसरों की सहायता हेतु अपने प्राणों की बाजी लगाने वाले महान आत्माओं को नमन करते हुए कहा कि यह दिन उन लोगों की स्मृति में मनाया जाता है जिन्होंने विश्व स्तर पर मानवतावादी संकट में अपने प्राणों की आहुति दे दी इराक की राजधानी बगदाद में 15 वर्ष पूर्व आज के दिन संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय पर हमला किया गया था इस हमले में 22 मानवतावादी कार्यकर्ता मारे गए थे इसके बाद से इस दिन को विश्व मानवता दिवस के रूप में मनाया जाता है बगदाद त्रासदी के बाद अब तक 4,000 से अधिक मानवतावादी कर्मियों को निशाना बनाया गया है अनेक मृत्यु के शिकार हुए , कितने ही घायल हुए , कइयों को गिरफ्तार और अपह्रत किया गया है संघर्षरत क्षेत्रों में नागरिक भी मृत्यु के शिकार होते हैं या घायल हो जाते हैं यहां लोगों को निशाना बनाकर मारा जाता है या अंधाधुंध हमले किए जाते हैं पिछले वर्ष संयुक्त राष्ट्र ने केवल छह देशों अफगानिस्तान , मध्य अफ़्रीकी गणराज्य , कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य , इराक , सोमालिया और यमन में हुए हमलों में 26,000 से अधिक नागरिकों की मौत या उनके घायल होने की घटनाएं दर्ज की थीं विश्व भर में फैली अशांति और संघर्ष में लाखों लोग अपनी सरजमीं से विस्थापित हुए हैं ऐसे लोगों की संख्या साढ़े 6 करोड़ से अधिक है बच्चों को सशस्त्र समूहों में भर्ती किया जाता है और उन्हें लड़ाइयों में झोंक दिया जाता है महिलाओं का उत्पीड़न और अपमान किया जाता है चूंकि राहतकर्मी मदद करते हैं और चिकित्साकर्मी जरूरतमंदों को राहत पहुंचाते हैं इसलिए अक्सर उन्हें भी निशाना बनाया जाता है विश्व मानवता दिवस पर मैं विश्व स्तरीय नेताओं से अपील करता हूं कि वे अपनी शक्तियों का इस्तेमाल करके इन संघर्षों से प्रभावित होने वाले लोगों की हर संभव मदद करें तथा विश्व शांति और मानवता की रक्षा हेतु प्रत्येक नागरिकों को परोपकार व उदारता की भावना से आगे आने का आह्वान करता हूं   |