पहली बार टली महिला अपराधी को होने वाली फांसी की सजा 

अमरोहा |         देश में पहली बार टली महिला अपराधी को होने वाली फांसी की सजा आपको बता दे कि इस महिला पर प्रेमी के साथ मिलकर अपने परिवार के 7 लोगो की हत्या का आरोप है जिसकी डेथ वारंट जारी नहीं हो सका है इस महिला का नाम शबनम है और शबनम के वकील का कहना है कि शबनम ने 3 दिन पहले ही उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल को दया याचिका भेजी है और जब तक दया याचिका पर निर्णय नहीं होता तब तक डेथ वारंट जारी नहीं किया जा सकता एवं शबनम के वकील की दलील पर डेथ वारंट जारी करने का फैसला टाल दिया गया है और सरकारी वकील महावीर सिंह ने बताया कि अब दया याचिका पर फैसला आने के बाद ही डेथ वारंट पर निर्णय हो पाएगा एवं उत्तर प्रदेश की रामपुर जेल में बंद शबनम ने वकील के जरिए जेल अधीक्षक को दया याचिका के लिए आवेदन दिया था और उसकी याचिका राज्यपाल को भेज दी गई है बता दे कि राष्ट्रपति पहले ही शबनम की दया याचिका खारिज कर चुके हैं                  |

अमरोहा के बाबनखेड़ी गांव की रहने वाली शबनम ने 15 अप्रैल 2008 को प्रेमी सलीम के साथ मिलकर अपने पिता शौकत अली , मां हाशमी , भाई अनीस अहमद , उसकी पत्नी अंजुम , भतीजी राबिया और भाई राशिद के अलावा 10 महीने के भतीजे अर्श की हत्या कर दी थी , इन सभी को पहले दवा देकर बेहोश किया और इसके बाद अर्श को छोड़कर सभी को कुल्हाड़ी से काट दिया था , शबनम ने अर्श का गला दबाकर उसे मारा था एवं जांच में पता चला था कि शबनम गर्भवती थी लेकिन परिवार वाले सलीम से उसकी शादी के लिए तैयार नहीं थे , इसी वजह से शबनम ने प्रेमी सलीम के साथ मिलकर पूरे परिवार को मौत की नींद सुला दिया था , जेल में रहने के दौरान शबनम ने 14 दिसंबर 2008 को बेटे को जन्म दिया था और उसका बेटा जेल में उसके साथ ही रहा था , 15 जुलाई 2015 में उसका बेटा जेल से बाहर आया जिसके बाद शबनम ने बेटे को उस्मान सैफी और उसकी पत्नी को सौंप दिया था आपको बता दे कि उस्मान शबनम का कॉलेज फ्रेंड है जो बुलंदशहर में पत्रकार है             |

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