पिछड़ा आरक्षण के प्रणेता बी.पी. मंडल को जयंती पर विश्वकर्मा महासभा ने किया याद

वाराणसी |      बिंदेश्वरी प्रसाद मंडल ने मंडल कमीशन रिपोर्ट लिख कर बदल दी 60 करोड़ ओबीसी की तकदीर बी.पी.मंडल की अध्यक्षता में लिखी गई, रिपोर्ट के आधार पर केंद्र सरकार की नौकरियों में पिछड़े वर्गों को 27 प्रतिशत आरक्षण का लाभ मिला,जिसे मंडल कमीशन के लोकप्रिय नाम से जाना जाता है। बीपी मंडल का जन्म 25 अगस्त 1918 को बनारस में हुआ था।बीपी मंडल विधायक, सांसद,मंत्री और बिहार के मुख्यमंत्री भी रहे।ऑल इंडिया यूनाइटेड विश्वकर्मा शिल्पकार महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक कुमार विश्वकर्मा ने पिछड़ों के हित में किए गए ऐतिहासिक कार्य के लिए बीपी मंडल को जयंती पर नमन करते हुए भावपूर्ण श्रद्धा सुमन अर्पित किया। उन्होंने कहा कि मंडल कमीशन की रिपोर्ट आने के साथ ही उत्तर भारत में पिछड़े वर्ग की महत्वाकांक्षा का जबरदस्त विस्फोट हुआ। राजनीति में उनकी दावेदारी मजबूत हुई और अपनी तकदीर खुद लिखने का उनमें जज्बा पैदा हुआ। उत्तर भारत में 1980 के बाद लालू ,मुलायम, नीतीश और पिछड़ी जातियों के तमाम नेताओं का आगे आना इसी पृष्ठभूमि के कारण हुआ, इसे भारतीय राजनीति की मूक क्रांति या साइलेंट रिवॉल्यूशन भी कहा गया, क्योंकि इसके जरिए लोकतांत्रिक प्रक्रिया में विशाल आबादी की हिस्सेदारी बढ़ी मंडल कमीशन की रिपोर्ट का ऐतिहासिक एवं युगांतकारी परिवर्तन सामने आया इस रिपोर्ट के प्रधान रचनाकार बीपी मंडल ने भारत के पिछड़ों की तकदीर लिखने वालों में अपना नाम दर्ज करा लिया। मंडल कमीशन की रिपोर्ट आजादी के बाद भारत में सामाजिक लोकतंत्र लाने और 52 फ़ीसदी ओबीसी आबादी को राष्ट्र निर्माण में हिस्सेदार बनाने की सबसे बड़ी पहल साबित हुई। जिससे इन वर्गों के लाखों लोगों को नौकरियां मिली और शिक्षा संस्थानों में दाखिला मिला इससे पिछड़े वर्गों की भारतीय लोकतंत्र में भागीदारी हुई और उनके अंदर यह भरोसा पैदा हुआ कि देश के संसाधनों और अवसरों में उनका भी अधिकार है।