पुल की आड़ में भाजपा देना चाहती है मौतों का शूल

ठाणे |        घोड़बंदर परिसर में बनाए जाने वाले पादचारी पुलों का विरोध कर भाजपा ने यहां के स्थानीय नागरिकों को प्रताड़ित करने का प्रयास किया है और आरोप लगाए जा रहे हैं कि ठाणे मनपा में भाजपा गटनेता मनोहर डुंबरे ने प्रस्तावित और मंजू किए गए पुलों का विरोध कर जता दिया है कि वह घोड़बंदर परिसर के लोगों की मौत विधि दुर्घटनाओं में देखना चाहते हैं इसको लेकर स्थानीय नागरिकों में डुंबरे के खिलाफ नागकिों में गुस्सा भड़क गया है आरोप लगाए गए हैं कि डुंबरे घोड़बंदर परिसर को मौतों का शूल देने में लगे हैं लेकिन इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और ठाणे मनपा में भाजपा गटनेता मनोहर डुंबरे ने घोड़बंदर के पंचामृत परिसर में बनाए जानेवाले पादचारी पुल का विरोध कर स्थानीय नागरिकों के गुस्से को भड़का दिया है और कहा जा रहा है कि दल बदलने के साथ ही उनकी भाषा बदल गई है वही दूसरी ओर पंचामृत परिसर में आए दिन होनेवाली दुर्घटनाओं को देखते हुए दशकों से स्थानीय नागरिक और जनप्रतिनिधि पादचारी पुल बनाने की मांग कर रहे थे एवं यहां के स्थानीय नागकिों का कहना है कि भाजपा गटनेता घोड़बंदर के पंचामृत परिसर में सड़क और वाहन हादसों में लोगों की लाशें देख के उतावले नजर आ रहे हैं      |

ठाणे मनपा में भाजपा गटनेता मनोहर डुंबरे शहर में निर्मित किए जाने वाले तीन पादचारी पुलों को लेकर टिप्पणी की है कि आगामी मनपा चुनाव को देखते हुए पैसे बटोरने सत्ताधारी दल ने पुल का गेम खेला है और इन पुलों में एक पुल घोड़बंदर रोड पर पंचामृत में भी बनेगा इसको लेकर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए पूर्व उपमहापौर व वरिष्ठ नगरसेवक नरेश मणेरा ने भी  विरोध किया है उनका कहना है कि यहां जारी विकास कामों को देखकर भाजपा को पेटदर्द हो रहा है इसके पहले भी ठाणे शहर में पूर्व मनपा आयुक्त संजीव जायसवाल के कार्यकाल में कई पादचारी पुल बनाए गए और इन पुलों में आनंद नगर , कॅडबरी , विवियाना मॉल , तत्वज्ञान विद्यापीठ , आर मॉल पदचारी पुल का समावेश है इन बातों का जिक्र करते हुए मणेरा ने कहा कि इन पुलों का निर्माण कार्य पूरा हुए कई साल गुजर गए लेकिन उस समय भाजपा वासी हुए डुंबरे ने कभी भी विरोध नहीं किया , इसके साथ ही भाजपा ने उस समय विरोध नहीं किया था जबकि उक्त पुल बनाने की मांग स्थानीय नागरिक और सर्वपक्षीय नगरसेवकों की भी थी , उक्त पुलों के बनने के बाद मौतों का ग्राफ कम हुआ लेकिन जैसे ही मनोहर डुंबरे राकांपा छोड़ भाजपा में गए , उनका सुर ही बदल गया और घोड़बंदर रोड़ पर पंचामृत परिसर में अच्छी – खासी आबादी रह रही है जिस कारण वृद्ध नागरिकों , महिलाओं तथा स्कूली बच्चों का सड़क पार करना जानलेवा हो रहा था जबकि लोग आए दिन सड़क और वाहन हादसे का शिकार होते रहे हैं इन बातों का जिक्र करते हुए स्थानीय नगरसेवक नरेश मणेरा का कहना है कि पंचामृत पादचारी पुल के निर्माण के लिए वे गत चार सालों से मनपा प्रशासन के साथ पाठपुरावा करते आ रहे थे जिस कारण दो साल पहले पंचामृत पादचारी पुल बनाने के प्रस्ताव को ठाणे मनपा की महासभा ने मंजूरी दी थी। इसकी निविदा प्रक्रिया पूरी कर उसे मंजूरी मिल गई है इन बातों का जिक्र करते हुए मणेरा का कहना है कि पंचामृत पादचारी पुल बनाने में आनेाली बाधाएँ भी हटा दी गई , यहां ओवरहेड बिजली तार तथा बिजली पोल को हटाकर उसे भूमिगत किया गया लेकिन इसी बीच मेट्रो तथा कोरोना संकट के कारण पंचामृत पादचारी पुल निर्माण का काम शुरू नहीं हो पाया , मणेरा ने डुंबरे से सवाल किया है कि दो सालों तक वे क्या कर रहे थे जबकि भाजपा द्वारा भी इस पुल का कभी भी विरोध नहीं किया गया लेकिन डुंबरे स्टंटबाजी कर रहे हैं        |

उन्होंने यह भी कहा कि मेट्रो के कारण किसी भी पादचारी पुल का निर्माण कार्य निरस्त नहीं किया जाएगा , मेट्रो लाईन के प्रारुप में पादचारी पुल को ध्यान में खते हुए लाईन अधिक ऊंचाई से ले जाया जा रहा है इतना ही नहीं घोड़बंदर रोड़ पर प्रस्तावित नए पादचारी पुल के प्रारुप को मेटे डिपार्टमेंट ने भी मंजूरी दी है इसके बाद भी डुंबरे अपनी सट्टंबाजी करने से बाज नहीं आ रहे हैं उपरोक्त जानकारी देते हुए मणेरा ने कहा कि डुंबरे घोड़बंदर परिसर की जनता की भावनाओं के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं जिस कारण स्थानीय स्तर पर भी उसका विरोध हो रहा है स्थानीय शिवसैनिक डुंबरे को चेतावनी दे रहे हैं कि यदि उनमें हिम्मत है तो वे पंचामृत पादचारी पुल के निर्माण कार्य को बाधित कर दिखाए , स्थानीय जनता इसके लिए तैयार है      |