फेरीवालों के अतिक्रमण से सड़कें हुई बेहाल

दिवा | वैसे तो दिवा की पहचान ठाणे शहर में समस्याओं से ग्रस्त उपनगरी के तौर पर रही है लेकिन इस समय फेरी वालों के कारण गंभीर समस्या यहां पैदा हो रही है तमाम सड़कों पर उसके अवैध अतिक्रमण के कारन गंभीर समस्या पैदा हो रही है जिस कारण वाहन चलाने में तो परेशानी हो ही रही है आम आदमी का पैदल चलना भी मुश्किल हो गया है इस स्थिति को देखते हुए भाजपा के ठाणे जिला कार्यकारिणी सदस्य रोहिदास मुंडे ने ठाणे मनपा आयुक्त डॉ. विपिन शर्मा से आग्रह किया है कि दिवा में सक्रिय अवैध फेरीवालों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई की जाए साथ ही प्रशासनिक स्तर पर फेरीवालों के पुनर्वासन के लिए भी यहां हॉकर्स जोन समय की मांग बन चुकी है |

रोहिदास मुंडे का कहना है कि जिस तरह मजीवाड़ा मानपाडा प्रभाग समिति में सहायक आयुक्त कल्पित पिंपले पर फेरीवालों ने जानलेवा हमला किया उसकी पुनरावृति की संभावना दिवा में भी है कभी भी यहां अतिक्रमण विभाग के अधिकारी या कर्मचारी अवैध फेरीवालों के आतंक का शिकार हो सकते हैं सबसे अधिक चिंता इस बात की है कि दिवा की सड़कों पर अवैध फेरीवालों का कब्जा है स्थानीय स्तर पर इन फेरीवालों को संरक्षण भी प्राप्त है विशेष चिंता की बात है कि यहां के जितने भी जनप्रतिनिधि हैं वे फेरी वालों के कारण पैदा होने वाली समस्याओं को लेकर कार्रवाई करने की बात तो दूर रही वे बयान बाजी भी नहीं करते हैं इससे अंदाज लगाया जा सकता है कि अवैध फेरीवालों के सिर पर किसका हाथ है ठाणे मनपा आयुक्त डॉ. विपिन शर्मा से मुंडे ने आग्रह किया है कि इस मामले को प्रशासनिक स्तर पर गंभीरता से लिया जाए , फेरीवालों के कारण दिवा की तमाम सडकें चाहे मुख्य सड़क हो या आंतरिक उस पर फेरी वालों का अतिक्रमण हो चुका है लेकिन दशकों से इस समस्या को लेकर कभी भी प्रशासनिक स्तर पर गंभीरता से विचार नहीं किया गया , इस विषम परिस्थिति में तथा इस समस्या से मुक्ति के लिए दिवा में हॉकर्स जोन को साकार किया जाना आवश्यक हो गया है ताकि दिवा की तमाम सड़कों को अवैध फेरीवालों के अतिक्रमण से मुक्ति मिल सके , मुंडे ने यह भी आशंका जाहिर की है कि फेरीवालों के कारण कभी भी कोई बड़ी वाहन या सड़क दुर्घटना हो सकती है इसकी पूरी संभावना है साथ ही इससे इनकार भी नहीं किया जा सकता है उन्होंने आरोप लगाया कि गत 5 सालों के दौरान यहां की सड़कों पर फेरीवालों की संख्या काफी तेजी से बढ़ी है आम नागरिकों का पैदल चलना भी मुश्किल हो रहा है |

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