बुलेट ट्रेन की तरफ बढ़ने वाले देश में आज भी अधिकारी बैलगाड़ी वाली रफ्तार में कर रहे है कार्य
गाजीपुर । जहाँ आमतौर पर सरकारी कामकाज अपने सुस्त तरीके के लिए बदनाम है तो वही एक आम नागरिक को यदि कोई सरकारी कार्य करना हो तो उसे अधिकारियों के कई चक्कर काटने पड़ते हैं ।
बुलेट ट्रेन की तरफ बढ़ने वाले देश में आज भी अधिकारी बैलगाड़ी वाली रफ्तार में कार्य करते नजर आ जाते हैं, अब इसमें उनकी मजबूरी है या आदत ये तो जांच का विषय है ।
लेकिन इस बार गाज़ीपुर में मदिरा यानी शराब (जो की आमतौर पर समाज में बहिष्कृत किया जाता है) की दुकानों का आवंटन बुलेट ट्रेन वाली रफ्तार में हो गया है लेकिन जनपद में 61 मदिरा की और 33 भाग की दुकानें रिक्त पड़ी थी जिस का आवंटन की लॉटरी के माध्यम से शनिवार को किया गया ।
पिछली बार दुकानों के आवंटन में सॉफ्टवेयर की गड़बड़ी आई थी जिससे दुकाने आवंटित होने में समय लगा था लेकिन इस बार मदीरा और भांग की दुकानों का आवंटन जिला अधिकारी के बालाजी और पुलिस अधीक्षक की देखरेख में आधे घंटे के अंदर ही हो गया मानक को पूरा ना करने वाली मदिरा की 61 दुकानों का नवीनीकरण आरटीआई सभागार में किया गया है ।
कुल 61 दुकानों के लिए 2004 आवेदन आए थे , इसमें 17 देशी शराब के लिए 86 आवेदन, 12 विदेशी के लिए 826 आवेदन, 30 बीयर के लिए 1056 आवेदन व दो माडल शाप के लिए 36 आवेदन किए गए थे वहीं 33 भांग की दुकान के लिए 67 आवेदन पड़े थे ।