बेजुबान बच्चे पर रहम करे उद्धव ठाकरे सांसद डॉ शिंदे ने लिखा निजी पत्र

ठाणे । शिवाजी पार्क में आयोजित दशहरा मेलावा के दौरान शिवसेना पक्षप्रमुख उद्धव ठाकरे ने राज्य के सीएम एकनाथ शिंदे के पोते रूद्रांश को लेकर चर्चा की थी साथ ही राजनीतिक टिप्पणी भी इस छोटे बच्चे को लेकर की गई इस पर नाराजगी व्यक्त करते हुए सांसद डॉ श्रीकांत शिंदे ने पक्ष प्रमुख उद्धव ठाकरे को पत्र लिखा है  पत्र के माध्यम से उन्होंने कहा है कि राजनीति तो होती रहेगी  आरोप-प्रत्यारोप चलते रहेंगे , लेकिन ऐसे मामलों में छोटे शिशु को घसीटा जाना कहीं से भी तार्किक नहीं लग रहा है डॉ शिंदे ने ठाकरे से भावनात्मक अपील की कि वे इस तरह की स्थिति पैदा नहीं करें कि घर के बेजुबान बच्चे को भी विवादों के घेरे में लाया जाए जिस बच्चे का राजनीति से कोई लेना-देना नहीं हो, ऐसे बच्चे की चर्चा करना कितना उपयुक्त है |

यह कहने की जरूरत नहीं है ।विदित हो कि शिवाजी शिवाजी पार्क में आयोजित दशहरा मेलावा के दौरान पक्ष प्रमुख उद्धव ठाकरे सीएम एकनाथ शिंदे के परिवार को लेकर तीखी टिप्पणी की थी उन्होंने यहां तक कहा की अब बारी रुद्रांश के नगरसेवक बनने की है इस टिप्पणी पर डॉ शिंदे ने गहरी नाराजगी व्यक्त की है , साथ ही कहा है कि वह निजी तौर पर इस अशोभनीय वक्तव्य का विरोध करते हैं शिवसेना पक्षप्रमुख उद्धव ठाकरे को डॉ श्रीकांत शिंदे ने निजी पत्र लिखा है जिसमें उन्होंने उनसे आग्रह किया है कि वे व्यक्तिगत तौर पर उनके इस पत्र को अवश्य पढ़ें उनकी भावना को समझने की अवश्य कोशिश करें सांसद डॉ श्रीकांत शिंदे ने पत्र में कहा है कि राजनीतिक परिवेश में आरोप-प्रत्यारोप तो स्वाभाविक है एक पक्ष दूसरे पक्ष  से संबंधित कई बातों पर टीका टिप्पणी करते हैं इसे रोका नहीं जा सकता लेकिन राजनीतिक द्वंद्व में डेढ़ साल के बच्चे को घसीटा जाना कदापि न्यायोचित नहीं माना जा सकता है । 

डॉ शिंदे ने अपील की कि जो कुछ शिवाजी मैदान से उन्हें सुनने को मिला, वह दर्दकारक है एक पिता के नाते यह  मेरा निजी मंतव्य है वही इस संदर्भ को लेकर एकनाथ शिंदे गुट के प्रवक्ता नरेश म्हस्के ने कहा कि शिवसेना पक्षप्रमुख उद्धव ठाकरे ने शिवाजी मैदान में जो कुछ रुद्रांश को लेकर कहा वह अशोभनीय है उन्हें दूसरों पर टीका टिप्पणी करने की जगह पहले अपने परिवार पर नजर डालनी चाहिए थी उन्हें आदित्य ठाकरे को लेकर भी सोचना चाहिए था जो स्वयं मुख्यमंत्री हो और उनका बेटा मंत्री हो वे दूसरे पर कटाक्ष कर बच्चे को राजनीति में घसीटे तो इसे राजनीति नहीं यह मानसिक खोखलापन  का प्रतीक है ।