बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ चैरिटेबल ट्रस्ट ने लिखा प्रधानमंत्री को पत्र

भायंदर |      बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ चैरिटेबल ट्रस्ट के संस्थापक अध्यक्ष डॉ. अजय लक्ष्मीकांत दुबे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर यौन हिंसा पर प्रभावी रोक लगाने की मांग की है प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में उन्होंने लिखा है कि हम यौन हिंसा पर प्रभावी रोक लगाने में विफल रहे हैं इस उग्र महामारी को पहचानने में भी विफल रहे हैं और हम ये आत्मनिरीक्षण करने में विफल रहे हैं कि यौन हिंसा और विशेष रूप से महिलाओं के खिलाफ यौन हिंसा तो जैसे हमारे देश की सामान्य खबर हो गई है डॉ. अजय दुबे ने लिखा है कि हमारे कानूनविदों को हमारी कानूनी न्याय प्रणाली को दुरुस्त करने की आवश्यकता है और ये भी देखने की जरुरत है कि हम महिलाओं के खिलाफ अपराधों को नियंत्रित करने में कहाँ और कैसे चूक रहे हैं महिला और बाल विकास मंत्रालय और मानव संसाधन विकास मंत्रालय को इस सामाजिक बुराई को जड़ से उखाड़ फेंकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभानी होगी पत्र में डॉक्टर दुबे ने लिखा है कि वे अपने देश व देशवासियों जो इन सब मामलों में पीड़ित हैं उनके समक्ष एक मूकदर्शक बनकर नहीं रह सकते एक समिति में ऐसे लोग शामिल होने चाहिए जो शिक्षित हैं योग्य हैं और कानून और न्याय , संवैधानिक संशोधनों , यौन अपराध और हिंसा , मनोरोग , मनोविज्ञान , चिकित्सा , पुनर्वास और सामाजिक एकीकरण के क्षेत्रों में विशेषज्ञ हों अथार्त पूर्ण रूप से शिक्षित हों यौन हिंसा भारत के लिए असहनीय है यही नारा हमें अब अपनाना होगा    |

हमें बिना हिंसा के साथ इन अत्याचारों के खिलाफ लड़ने की जरूरत है हमें अपनी विचारो को बदलने और अपनी सोच और जीवन के तरीके को चुनौती देने की आवश्यकता है इन अत्याचारों को रोकना हमारे हाथ में है बेटी बचाओ के सभी अभियान बेटियोँ की शिक्षा के लिये आने वाला दान या लड़कियों को शिक्षित करना या किसी अन्य महिला सशक्तीकरण की योजनाएं तब बिलकुल बेमानी लगती हैं जब देश भर में लड़कियों और महिलाओं के साथ छेड़छाड़ , बलात्कार और हत्या जैसी घटनाएं दिन प्रतिदिन होती हैं उन्होंने लिखा है कि प्रधानमंत्री , मैं आपसे अब कार्रवाई करने का आग्रह करता हूं मेरा आपसे निवेदन है कि इस मुद्दे को पूरी गंभीरता से लें ताकि भारत में सभी नागरिकों और विशेषकर महिलाएं पूर्ण रुप से सुरक्षित हों मुझे अपने देश और इसके विकास की बहुत उम्मीदें हैं मुझे यकीन है कि आप मुझसे सहमत होंगे कि देश के नागरिकों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए     |