ब्रिटेन में 10 साल बाद सिर्फ चलेंगे इलेक्ट्रिक वाहन 

लंदन |      ब्रिटेन दुनिया का ऐसा पहला देश होगा जहां 10 साल बाद सिर्फ इलेक्ट्रिक कारें ही चलेंगी , यहां 2030 से पेट्रोल – डीजल वाली कारों की बिक्री पर पाबंदी लगा दी गई है और पर्यावरण संरक्षण के तहत ब्रिटेन सरकार ने बुधवार को 10 सूत्रीय ग्रीन इंडस्ट्रियल रिवॉल्यूशन योजना लागू करने की घोषणा की आपको बता दे कि 1.18 लाख करोड़ रुपए की इस योजना से ढाई लाख नई नौकरियां तो पैदा होंगी ही साथ ही देश 2050 तक कार्बन उत्सर्जन से मुक्त भी हो जाएगा और वही अर्थशास्त्रियों ने इस बात को लेकर चिंता जताई है कि सरकार द्वारा इलेक्ट्रिक वाहनों में छूट दिए जाने से 3.9 लाख करोड़ रुपए का रोड टैक्स नहीं मिलेगा इससे योजना प्रभावित हो सकती है दरअसल प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन चाहते हैं कि यूके कार्बन कैप्चर तकनीक में वर्ल्ड लीडर और लंदन शहर हरियाली का वैश्विक केंद्र बने , यही वजह है कि सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए सड़कों पर 6 लाख चार्जिंग पॉइंट लगा रही है      |

बता दे कि इस योजना पर करीब 13 हजार करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे , इसी के साथ सरकार जीरो अल्ट्रा लो इमिशन वाले वाहनों को खरीदने के लिए बड़े पैमाने पर सब्सिडी भी देगी और ब्रिटेन जीरो इमिशन वाले पब्लिक ट्रांसपोर्ट पर भी काम कर रहा है ताकि प्रदूषण रोका जा सके , जानकारी के मुताबिक शोधकर्ताओं को हाइड्रोजन से ऐसे विमान और जहाज विकसित करने की जिम्मेदारी दी गई है जिससे उत्सर्जन न हो , हाल ही में वैज्ञानिकों ने इस तकनीक का सफल परीक्षण भी किया , इसके परिणामों की सफलता के बाद प्रधानमंत्री जॉनसन ने इस संबंध में फैसला लिया है उनका कहना है कि लोग ज्यादा साइकिल इस्तेमाल करें इसके लिए देशभर में अलग से साइकिलिंग और वॉकिंग ट्रैक बनाए जाएंगे जिसके लिए 12 हजार करोड़ रुपए का प्रावधान है ब्रिटेन में 2025 तक सभी थर्मल पाॅवर प्लांट बंद हो जाएंगे और इस समय कोल एनर्जी वाले इक्का – दुक्का प्लांट ही काम कर रहे हैं और सरकार बड़े और छोटे पैमाने पर परमाणु संयंत्रों और नए उन्नत मॉड्यूलर रिएक्टरों को विकसित करने के लिए करीब 5170 करोड़ रुपए खर्च करेगी       |

और वही दूसरी तरफ भारत में पर्यावरण को बचाने के लिए कई राज्यों में इलेक्ट्रिक वाहनों को टैक्स से लेकर रजिस्ट्रेशन में छूट मिल रही है वहीं उ.प्र. सरकार ने केवल राज्य में निर्मित इलेक्ट्रिक वाहनों पर ही छूट देने का फैसला लिया है और यू.पी. में काेई भी चौपाया वाहनों का निर्माण नहीं होता इसलिए इलेक्ट्रिक वाहनों की कीमतों में 10 फीसदी का इजाफा हो गया है गौरतलब की बात है कि भारत देश में तय इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री के लक्ष्य का 10% भी इस वर्ष पूरा नहीं हो पाया है बता दे कि करीब 3 लाख वाहनों का लक्ष्य रखा गया था लेकिन अभी तक लगभग 14 हजार वाहन ही बिक पाए हैं जबकि पेट्रोल वाहनों की बिक्री में लगातार इजाफा हो रहा है      |