भारतीय सेना ने एल.ए.सी. के पास टी – 90 और टी – 72 टैंक किए तैनात 

लद्दाख |     लद्दाख में करीब 5 महीने से जारी तनाव के बीच सेना ने सर्दी के लंबे मौसम में भी मोर्चा संभालने की तैयारियां पुख्ता कर ली हैं सेना ने पूर्वी लद्दाख में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल LAC के पास आर्मर्ड रेजीमेंट के टी – 90 और टी – 72 टैंकों की तैनाती की है इसके अलावा बी.एम.पी. – 2 कॉम्बैट व्हीकल भी भेजे गए हैं यह युद्धक टैंक 14 हजार 500 फीट की ऊंचाई पर चुमार – डेमचोक एरिया में तैनात किए गए हैं इसे टैंकों के लिहाज से दुनिया का सबसे ऊंचा युद्ध क्षेत्र कहा जाता है और मेजर जनरल अरविंद कपूर ने न्यूज एजेंसी को बताया कि सर्दियों में यहां रात के वक्त टेम्परेचर माइनस 35 डिग्री तक पहुंच जाता है इसके अलावा तेज बर्फीली हवाएं भी चलती हैं इस इलाके में टैंकों , बड़ी बंदूकों और युद्धक वाहनों का मेंटेनेंस बहुत बड़ी चुनौती रहता है फायर एंड फ्यूरी कॉर्प्स भारतीय सेना की अकेली या दुनिया की अकेली टुकड़ी है जो ऐसे हालात में मोर्चा संभालने के लिए तैनात की गई है हमने यहां पर जवानों और हथियारों की मेंटेनेंस और तैयारी को लेकर पर्याप्त व्यवस्थाएं कर रखी हैं और टैंक पर तैनात एक जवान ने बताया कि मैकेनाइज्ड इन्फैन्ट्री सेना का एडवांस हिस्सा है यह किसी भी मौसम और इलाके में युद्ध करने का अनुभव रखती है मिसाइल स्टोरेज और हाई मोबिलिटी एम्यूनिशन जैसी खासियतों की वजह से हम लंबे समय तक युद्ध करने की काबिलियत रखते हैं इन्फैन्ट्री में तैनात जवान किसी भी तरह के हथियार चलाने के लिए ट्रेंड किए जाते हैं आपको बता दे कि भारत की आर्मर्ड रेजीमेंट के पास कुछ ही पलों में एल.ए.सी. के पास पहुंचने की क्षमता है और यह रेजीमेंट ऐसा करके दिखा चुकी है तब 29 – 30 अगस्त को चीन ने अपने टैंक तैयार किए थे और भारत की कुछ पोस्ट पर कब्जा करने की कोशिश की थी लेकिन भारतीय जवानों ने ना सिर्फ चीन की घुसपैठ नाकाम कर दी बल्कि पैंगॉन्ग के दक्षिणी किनारे पर अहम चोटियों पर भी कब्जा कर लिया    |