मराठी अनिवार्य होने से हिंदी अप्रभावित रहेगी – कपिल पाटिल

परेल ।  2020 को शिक्षकों के एक शिष्टमंडल ने शिक्षक नेता आमदर कपिल पाटिल के कार्यालय शिक्षक भारती में जाकर हिंदी को लेकर अपनी चिंता जाहिर की , गौरतलब है अभी हाल ही में महाराष्ट्र सरकार ने मराठी भाषा को सभी शिक्षण संस्थानों में अनिवार्य कर दिया ,  इसमें आईसीएससी, सीबीएससी समेत सभी बोर्ड के स्कूल शामिल हैं ।

पंजाब और कर्नाटक के बाद अब महाराष्ट्र सरकार ने अपनी प्रादेशिक भाषा को राज्य में अनिवार्य कर दिया है , यह निर्णय उनके लिए चिंताजनक है जिनकी सेवाएं स्थांतरित होती रहती हैं , दूसरी ओर राज्य में हिंदी भाषा की अपनी स्थिति संदिग्ध है , शिक्षाविद् रामनयन दुबे के नेतृत्व में आईसीएससी और सीबीएससी के शिक्षकों ने आमदर कपिल पाटिल से मुलाकात की आई अवसर पर अंतरराष्ट्रीय हिंदी प्रतिष्ठान के संस्थापक अध्यक्ष नरेन्द्र शर्मा जी उपस्थित थे ।

उन्होंने कर्नाटक सरकार की भाषा सम्बन्धी नीतियों को साझा किया ,  कपिल पाटिल ने शिक्षकों को संबोधित करते हुए बताया कि हिंदी को लेकर आप सभी की चिंता जायज़ है , मैं यकीन दिलाता हूं कि हिंदी के साथ कोई अन्याय एनएच होगा , मराठी का मूल्यांकन ग्रेड के रूप में किया जाएगा ,  आने वाले सत्र में यह मुद्दा सदन में उठाऊंगा , प्रायवेट शिक्षकों के वेतन भत्तों, अवकाश, सुरक्षा आदि के विषय में पूछे गए प्रश्न का जवाब देते हुए उन्होंने बताया कि राज्य में एमपीइएस एक्ट को सख्ती से लागू किया जाएगा , दिनेश सिंह ने उपस्थित शिक्षक समुदाय के प्रति आभार व्यक्त किया ।