महंत नरेंद्र गिरि को मिलेगी आज अंतिम विदाई

प्रयागराज |      अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष और निरंजनी अखाड़ा के सचिव महंत नरेंद्र गिरि का शव प्रयागराज में सोमवार शाम संदिग्ध परिस्थितियों में मिला था आज उन्हें समाधि दी जाएगी इससे पहले उनका शव अंतिम दर्शन के लिए बाघंबरी गद्दी मठ में रखा गया है और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी प्रयागराज पहुंच चुके हैं वे एयरपोर्ट से बाघंबरी गद्दी के लिए रवाना हो गए हैं बताया जा रहा है कि महंत नरेंद्र गिरि की अंतिम यात्रा में योगी शामिल हो सकते हैं इनके अलावा डिप्टी CM केशव मौर्य , सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव भी अंतिम संस्कार में शामिल होंगे और उधर सरोजनी नायडू अस्पताल में नरेंद्र गिरि के पोस्टमार्टम की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं तो इधर बाघंबरी गद्दी मठ के चारों ओर का इलाके में बैरिकेडिंग कर दी गई है वहीं मठ के आसपास भारी संख्या में पुलिस फोर्स भी तैनात की गई है और आपको बता दे कि नरेंद्र गिरि की संदिग्ध मौत के मामले में उनके शिष्य आनंद गिरि के खिलाफ आत्महत्या के लिए मजबूर करने का मामला जार्जटाउन थाने में दर्ज किया गया है लेटे हनुमान मंदिर के व्यवस्थापक अमर गिरि की ओर से FIR की गई है इसमें आरोप हैं कि आनंद की प्रताड़ना की वजह से ही महंत नरेंद्र गिरि ने जान दी है          |

बता दें कि आनंद गिरि को उत्तराखंड पुलिस ने सोमवार शाम गिरफ्तार कर लिया था और देर शाम UP से सहारनपुर पुलिस और SOG की टीम हरिद्वार के आश्रम में पहुंची थी और करीब डेढ़ घंटे की पूछताछ के बाद आनंद गिरि को गिरफ्तार कर लिया था , वहीं आनंद गिरि ने खुद को बेगुनाह बताते हुए इसे बड़ी साजिश बताया है आनंद ने CM योगी से निष्पक्ष जांच की मांग की है उन्होंने कहा है कि जांच में हर सहयोग के लिए तैयार हूं , वहीं पुलिस ने लेटे हनुमान मंदिर के पुजारी आद्या तिवारी और उनके बेटे संदीप तिवारी को पूछताछ के लिए प्रयागराज से हिरासत में लिया है एवं IG रेंज केपी सिंह ने बताया कि मौके से 7 पेज का सुसाइड नोट मिला है इसमें महंत नरेंद्र गिरि ने वसीयतनामा की तरह लिखा है इसमें शिष्य आनंद गिरि का भी जिक्र है नरेंद्र गिरि ने अपने सुसाइड नोट में यह जिक्र भी किया है कि किस शिष्य को क्या देना है ? कितना देना है ? सुसाइड नोट में यह भी लिखा है कि वह अपने कुछ शिष्यों के व्यवहार से बहुत ही आहत और दुखी हैं और इसलिए वह सुसाइड कर रहे हैं पहली नजर में यह सुसाइड का ही मामला समझ में आ रहा है       |

आपको यह भी बता दे कि महंत नरेंद्र गिरी के चेहरे पर सोमवार सुबह से ही तनाव दिख रहा था , लेटे हनुमान मंदिर के कर्मचारियों का कहना है कि इससे पहले उनके व्यवहार में ऐसा परिवर्तन कभी नहीं दिखा था वह सुबह आठ बजे तक संगम तट पर स्थित लेटे हनुमान मंदिर पहुंचकर पूजा – अर्चना करते थे पर वह कल सुबह वहां नहीं गए , लोगों को लगा कि महंत की तबियत ठीक नहीं होगी इसलिए वह नहीं आए और बाघंबरी मठ में वेद विद्यालय के विद्यार्थियों ने बताया कि प्रतिदिन की तरह महंत नरेंद्र गिरि ने साढ़े 11 बजे घंटी बजने के साथ सभी लोगों के साथ भोजन किया , वहां मौजूद शिष्यों एवं कर्मचारियों से उनका हालचाल भी लिया था , एक शिष्य ने बताया कि उन्होंने भोजन किया और मेरा हाल भी पूछा एवं मठ में स्थित जिस कमरे में महंत नरेंद्र गिरि मृत पाये गये उस कमरे में करीब एक बजे आराम करने के लिए गए , वहां के कर्मचारियों एवं शिष्यों ने बताया कि वह अक्सर पहली मंजिल पर बने कमरे में ही आराम किया करते थे जबकि ग्राउंड फ्लोर में बने कमरे में जब उनको कुछ देर ठहरना होता था तब ही वह जाते थे सोमवार को वह ग्राउंड फ्लोर के कमरे में दोपहर करीब एक बजे आराम करने के लिए गए और शाम को 5:20 बजे मौत की जानकारी मिली      |

बता दे कि महंत नरेंद्र गिरि ने अपने सुसाइड नोट में हर बिंदु को लिखा है उन्होंने उस नोट में यह भी लिखा है कि उनकी समाधि मठ में स्थित नीम के पेड़ के नीचे यज्ञशाला के पास बनाई जाए , वहीं आह्वान अखाड़ा के कमल गिरि महाराज ने भी बताया कि इससे पहले वह बातचीत के दौरान भी ब्रह्मलीन होने पर समाधि मठ में ही बनाने की बात कही थी और मठ से मिली जानकारी के अनुसार महंत नरेंद्र गिरी की शव यात्रा को संगम तट पर स्थित लेटे हनुमान मंदिर भी ले जाया जा सकता है इसके लिए मठ की ओर से भी तैयारियां की जा रही हैं वहीं रात में ही 13 अखाड़ों के साधु – संतों ने बाघंबरी मठ पहुंचकर शोक व्यक्त करते हुए श्रद्धांजलि दी साथ ही कहा कि सरकार को CBI जांच कराना चाहिए        |

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