महाविकास आघाडी सरकार है विश्वासघाती
ठाणे | ओबीसी समाज को आरक्षण के मामले में जब सर्वोच्च न्यायालय में कार्रवाई चल रही थी तो उस दौरान महाराष्ट्र की महा विकास आघाडी सरकार ने वकील उपलब्ध नहीं करवाया , जिस कारण आरक्षण से इस समाज को तत्काल वंचित होना पड़ा है इस मामले को लेकर राज्य सरकार को खुलासा करना चाहिए , इस तरह के आरोप लगाते हुए भाजपा नेताओं का कहना है कि महा विकास आघाडी सरकार ने ओबीसी समाज के अरमानों पर राजनीतिक स्वार्थ में पानी फेर दिया है इस संदर्भ में जानकारी देते हुए भाजपा के ठाणे शहर जिला अध्यक्ष और विधायक निरंजन डावखरे ने कहा है कि 15 सितंबर को महा विकास आघाडी सरकार की इस विश्वासघाती नीति के खिलाफ पूरे महाराष्ट्र में विरोध आंदोलन किया जाएगा और इसके लिए ठाणे शहर भी तैयार है इतना ही नहीं जिस समय सर्वोच्च न्यायालय में ओबीसी समाज से संबंधित आरक्षण के मामले की सुनवाई सर्वोच्च न्यायालय में चल रही थी तो महाराष्ट्र सरकार ने वहां इस समाज का पक्ष रखने के लिए वकील ही उपलब्ध नहीं करवाया यह दुर्भाग्य और दुख की बात है |
इन बातों का जिक्र करते हुए डावखरे ने कहा कि स्वयं कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने भी इस बात का खुलेआम जिक्र किया था , ऐसी स्थिति में चाहिए कि राज्य के सीएम उद्धव ठाकरे और राकांपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद पवार को स्पष्टीकरण दे क्योंकि दोनों ही चेहरों से ओबीसी समाज को बहुत बड़ी अपेक्षा थी लेकिन उस अपेक्षा का जवाब राजनीतिक विश्वासघात से मिला है सत्ताधारी पक्ष के वजनदार गुटों को अगले वर्ष होने वाली मनपा , नगर पालिका , जिला परिषद चुनाव में ओबीसी समाज को आरक्षण नहीं देने की मंशा थी , इसी को ध्यान में रखकर ऐसा काम किया गया है सी.एम. ठाकरे और राकांपा सुप्रीमो शरद पवार को इस बारे में सार्वजनिक तौर पर खुलासा करना चाहिए , इन बातों का जिक्र करते हुए भाजपा विधायक संजय केलकर ने राज्य के सी.एम. उद्धव ठाकरे को याद दिलाया कि उनके वादे का क्या हुआ जबकि वे बार – बार कह रहे थे कि ओबीसी समाज को आरक्षण मिले बिना कोई भी चुनाव संभव नहीं है लेकिन वैसा नहीं हो पाया , आज ओबीसी समाज के साथ जो कुछ भी हुआ उसके लिए राज्य की महा विकास आघाडी सरकार जिम्मेवार है ऐसी स्थिति में भाजपा इसके खिलाफ राज्य भर में विरोध आंदोलन 15 सितंबर को करने जा रही है |