मिलावटी गुड उत्पादकों पर लगाया दस लाख का दंड

ठाणे । एफडीए ने मिलावटी गुड का उत्पादन करने वाले दो उत्पादकों पर 1000000 रुपए का दंड लगाया है एफडीए अधिकारियों को जानकारी मिली थी कि गुड़ की अधिक मांगों को देखते हुए उत्पादक उसमें चॉकलेट और केमिकल मिलाते हैं एफडीए के अधिकारियों ने कार्रवाई कर सैंपल अपने कब्जे में लिए उसे प्रयोगशाला भेजा गया तत्पश्चात आई रिपोर्ट के आधार पर एफडीए ने दोनों गुड उत्पादकों पर ₹1000000 का दंड लगाया हैएफडीए अधिकारियों का कहना है कि मिलावटी गुड में केमिकल और अन्य पदार्थ मिलाए जाने के कारण इससे स्वास्थ्य को खतरा रहता है , जिसे ध्यान में रख यह कार्रवाई की गई , इसके सेवन से किसी भी व्यक्ति के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ेगा ।

 मिलावटी खाद्यपदार्थों के कारण आम नागरिकों का स्वास्थ्य बिगड़ सकता है इसी के तहत एफडीए ने कोल्हापुर और सांगली के उत्पादकों द्वारा नई मुंबई के वाशी में थोक बाजार में बेंचे गए गुड़ का सैंपल लिया था उसी गुड़ का निरीक्षण कोंकण संभाग के खाद्य एवं औषधि प्रशासन द्वारा जनवरी 2021 में किया गया सभी जांचों के बाद , कोल्हापुर के मेसर्स ईएच काठवाला और सांगली के मैसर्स सत्य विजय सेल्स कॉर्पोरेशन गुड़ उत्पादकों पर प्रत्येक को 5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है |

एफडीए ने यह पाया गया दोनों गुड़ उत्पादकों ने मिलावट की थी एफडीए संयुक्त आयुक्त सुरेश देशमुख ने बताया कि एफडीए ने यह कार्रवाई मिलावटी उत्पादकों के खिलाफ शुरू की गई है आगे भी इस प्रकार की कार्रवाई की जाएगी साथ ही उन्होंने बताया कि कुछ व्यापारी गुड़ में चीनी, चॉकलेट और कृत्रिम रंगों का उपयोग जैसे अवैध तरीके अपनाते है डॉक्टरों के मुताबिक इस मिलावटी गुड़ के सेवन करने वाले व्यक्ति को कैंसर जैसी बीमारी हो सकती है इसलिए ग्राहक भी इस प्रकार के सामानों को खरीदते समय सतर्क रहें ।