मुंब्रा- कौसा को चाहिए आव्हाड से मुक्ति ,मुक्ति अभियान का अगुवा बने नजीब मुल्ला

ठाणे । ठाणे राकांपा में जिस तरह की आंतरिक उथळ-पुथल चल रही है उसको लेकर राजनीतिक गलियारों में कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं , मुंब्रा-कलवा के राकांपा विधायक जितेंद्र आव्हाड और राकांपा के वरिष्ठ नगरसेवक नजीब मुल्ला के बीच जारी राजनीतिक द्वंद्व ने राकांपा के बिखरने की कई संभावनाएं प्रबल कर दी हैं ।
इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है कि मुंब्रा-कौसा में आम नागरिकों के साथ ही पार्टी के नगरसेवकों के बीच भी आव्हाड पहले की तरह आशा की किरण नहीं रहे हैं , वैसे गत ठाणे मनपा चुनाव के दौरान भी आव्हाड के राजनीतिक फैसलों को लेकर राकांपा पदाधिकारियों में ही नाराजगी फैली थी ।
लेकिन नजीब मुल्ला जो कभी आव्हाड के करीबी ही नहीं बल्कि कारोबारी पार्टनगर हुआ करते थे, आज वे उनसे दूर जा चुके हैं , इस स्थिति में मुंब्रा-कौसा में आव्हाड के विकल्प के तौर पर राकांपा के ही नगरसेवक नजीब मुल्ला की हाल के समय में विशेष पहचान बनी है ।
अचंभित करनेवाली बात है कि राकांपा में ऐसा पहली बार हुआ है जब मुल्ला के जन्मदिवस पर आयोजित कार्यक्रम से आव्हाड से दूर रहे हैं, एक मामूली कार्यकर्ताओं की आवाज पर मुंब्रा पहुंचनेवाले आव्हाड मुंब्रा में मुल्ला के जन्मदिवस पर आयोजित कार्यक्रम में शामिल नहीं हो पाए , वैसे फिलहाल राजनीतिक गलियारों में इस बात को लेकर विशेष मंथन हो रहा है कि आखिर नजीब मुल्ला पार्टी विधायक जितेंद्र आव्हाड की छाया से दूर होने को क्यों उतावले हैं ।
सरसरी तौर पर माना जा रहा है कि इसकी शुरुआत चर्चित बिल्डर सूरज परमार की आत्महत्या के बाद ही हुई थी , लेकिन इस समय आव्हाड और मुल्ला के बीच स्थायी विभाजन रेखा खींच  चुकी है , पहली बार नजीब मुल्ला का जन्मदिन भव्य तरीके से मुंब्रा में मनाया गया , इसी के साथ ठाणे राकांपा में आंतरिक संघर्ष की भावी रूपरेखा तैयार हो गई है ।
मुंब्रा में मुल्ला के जन्मदिन के अवसर पर पूरे मुंब्रा-कौसा परिसर को मुल्ला के बैनर और पोस्टरों से पाट दिया गया था , इस अवसर पर मुंब्रा में मुल्ला का ऐतिहासिक सत्कार किया गया , मुंब्रा में २४ अलग-अलग स्थानों पर केक काटकर जन्मदिन मनाया गया ।
इतना ही नहीं जिस एरिया से मुल्ला गुजरे उसके ऊपर फूलों की वर्षा की गई , लेकिन उक्त आयोजन मेें राकांपा विधायक जितेंद्र आव्हाड सहभागी हुए नहीं पाए गए , स्थानीय स्तर पर जिस तरह नजीब मुल्ला को भावी विधायक कहकर संबोधित किया जा रहा था उससे साफ झलक रहा था कि आगामी विधानसभा चुनाव मुंब्रा से मुल्ला लड़ेगे ।
स्थानीय स्तर पर चर्चा हो रही है कि आगामी विधानसभा चुनाव में मुल्ला मुंब्रा-कलवा विधानसभी सीट से चुनाव लड़ेगे , दूसरी ओर मुंब्रा में राकांपा के अधिकाश नगरसेवक मुल्ला के साथ जुड़ चुके  हैं , राकांपा नगरसेवकों के बैनर में भी लिखा था कि मुल्ला विधायक बने ।
यानी अभी से ही मुल्ला को मुंब्रा-कलवा का भावी विधायक पार्टी के नगरसेवक पोस्टर और बैनर से बता रहे हैं , यानी इस स्थिति को देखते हुए माना जा रहा है कि आगामी विधानसभा चुनाव में मुल्ला ने मुंब्रा से किस्मत आजमाई तो आव्हाड का विधायक बनने का सपना आसान नहीं रहेगा ।
इस बारे में मुल्ला के निकटवर्तियों का कहना है कि आगामी विधानसभा चुनाव में साहेब निर्दलीय प्रत्यासी के तौर पर चुनाव मैदान में उतरेंगे , यदि ऐसा हुआ तो पर्दे के पीछे से मुल्ला को शिवसेना को समर्थन मिल सकता है , यदि ऐसा हुआ तो आहाड की पराजय निश्चित है ।
इन राजनीतिक आंकलनों के बीच कहा जा रहा है कि ठाणे मनपा में जितने नगरसेवक हैं, उनमें से आधे से अधिक नजीब मुल्ला के साथ आ चुके हैं , इस परिप्रेक्ष्य में कहा जा रहा है कि राकांपा विधायक आव्हाड को मुंब्रा के साथ ही ठाणे शहर में चुनौती मिल रही है , पार्टी के ही वरिष्ठ नगरसेवक हणमंत जगदाले भी मुल्ला के साथ हैं ।