यूपी पुलिस ने रखी ट्रेनिग में खाये गए कसम की लाज

गोरखपुर | एक गर्भवती महिला जो की गोरखपुर के गर्ग हॉस्पिटल में भर्ती हैं उन्हें बी नेगेटीव ब्लड की अत्यंत आवश्यकता थी , बी नेगेटीव एक बेहद रेयर ब्लड ग्रुप है जो आसानी से कहीं नहीं मिलता , गोरखपुर के किसी भी ब्लड बैंक में यह ब्लड ग्रुप उपलब्ध नहीं था PVR 3882 के कर्मचारी कमांडर कांस्टेबल शिवांबुज कुमार पटेल जो की खुद रक्तवीर युवा क्लब गोरखपुर के नाम से एक ग्रुप चलाते हैं जिसकी मदद से इन्होंने हजारो लोगों को ब्लड दिलवा कर उनकी जान बचाई हैं कांस्टेबल शिवांबुज कुमार पटेल जो शाहपुर थाने पर तैनात हैं उन्हें यह सूचना एक वाट्सएप ग्रुप से प्राप्त हुई कि डॉ. के कहे अनुसार एक गर्भवती महिला जिसके शरीर मे खून की बहुत ज्यादा कमी है और उन्हें बी नेगेटीव ब्लड की जल्द से जल्द आवश्यकता हैं तभी सिपाही शिवाम्बुज पटेल ने देर न करते हुए मरीज के परिजनों से सम्पर्क किया और उन्हें बताया कि उनका ब्लड ग्रुप भी बी नेगेटीव है |

जिसके बाद परिजनों द्वारा बताया गया की डॉ. के कहे अनुसार मरीज के शरीर मे खून की भारी कमी होने के कारण जच्चा व बच्चा दोनो को खतरा हो सकता है जिसके इलाज हेतु डॉ. ने मरीज को खून की आवश्यकता के बारे में बताया , कांस्टेबल शिवांबुज कुमार पटेल ने उन्हें ये आश्वासन दिया की उन्हें ब्लड समय पर मिल जाएगा , यह जानते हुए भी कि उन्हें अभी ब्लड दिए हुए 2 महीने 9 दिन ही हुए हैं फिर भी उन्होंने अपने जान की परवाह न करते हुए रक्तदान किया , आपको बता दें कि WHO के अनुसार कोई भी व्यक्ति रक्तदान करने के 3 महिने के बाद ही दुबारा रक्तदान कर सकता हैं सिपाही शिवाम्बुज पटेल ने UP 112 के मध्यम से सूचना मंगवा के फातिमा ब्लड बैंक मे जा कर उस महिला के लिए रक्तदान किया और उनके इस रक्तदान से एक नहीं बल्कि दो जिंदगीयाँ बच गयी अब परिवार के लोगो ने तो इस सिपाही को भगवान का दर्जा तक दे दिया और देते भी क्यो न उन्होंने काम ही ऐसा किया था , जे जे वी न्यूज़ को सिपाही शिवाम्बुज ने बताया कि उनका ये लक्ष्य है कि कोई भी मरीज खून की कमी के कारण ना मरे |

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