योगी राज़ में पत्रकारों का उत्पीड़न   

एक तरफ योगी सरकार की वाहवाही करती गोदी मीडिया वही दूसरी तरफ योगी सरकार की प्रशासन अब पत्रकारों पर ही झूठे मुकदमे लगा कर पत्रकारों की अवाज़ दबाना चाहते है ताकि शासन और प्रशासन की कमिया आम जनता तक ना पहुंच सके और सरकार की पोल न खुले इसके कई उद्धारण योगी की नगरी गोरखपुर में देखने को मिला है जिसमे योगी की पुलिस द्वारा कई पत्रकारों पर फ़र्ज़ी मुकदमे लगाए गए जिसमे गोरखपुर स्थित बासगाँव के अमर उजाला के पत्रकार नितीश सिंह को फर्जी बलात्कार के मुकदमे में फसाया गया जो सरासर गलत साबित हुआ तो वहीँ दूसरा मामला गगहा थाना क्षेत्र का है जहा राशन माफिया द्वारा दैनिक जागरण के पत्रकार जयराम तिवारी को जान से मारने की धमकी दी गई जिसका ऑडियो सोशल मीडिया पर बहुत ही वायरल हुआ था तो वही तीसरा मामला जानीपुर के दैनिक जागरण के पत्रकार रजाराम यादव के भाई आर.एम.पब्लिक स्कूल के प्रबंधक हरेंद्र यादव के ऊपर रेप का मामला दर्ज़ कर पत्रकारों की आवाज़ दबाने की योगी की प्रशासन बखूबी अपना किरदार निभा रही है लेकिन सवाल तो यह है की अपने कामो और प्रशासन की तगमा बजाने वाली योगी सरकार कुम्भकर्णी निद्रा में क्यों सोई हुई है  |

क्या इन सभी साजिसों के पीछे उनके प्रशासन पर योगी का आशीर्वाद है आखिर आए दिनों जिस तरह से योगी राज़ में पत्रकारों पर फर्जी मुकदमे और हमले बढ़ रहे है उससे तो यह साबित हो रहा है कि कही ना कही सरकार और उनकी प्रशासन पत्रकारों की स्वतंत्रता को छीनना चाहते है ताकि योगी राज़ की कमिया आम लोगो के सामने ना आ पाए , दिलचस्प बात यह है कि कई मीडिया संस्थान के गोदी मालिक चंद विज्ञापनों के लालच में वह प्रशासन के सामने नतमस्तक हो जाते है और फिल्ड पर काम करने वाले पत्रकारों के लिए अपना हाथ खड़ा कर लेते है   |

इन सभी चीजों से यह साबित होता है की क्या योगी सरकार अपने राज़ मे जनतंत्र को भुला कर प्रशासनिक गुंडा तंत्र लाना चाहती है ?

या फिर योगी सरकार गुंडा राज़ ख़त्म करने के बजाय गुंडा राज़ लाना चाहती है ?

जिस तरह से योगी राज़ में चौथे स्तंभ पर हमले हो रहे है और फर्जी मुकदमे हो रहे है उससे तो यह साफ झलक रहा है की योगी आदित्यनाथ अपने गुंडा रूपी प्रशासन को खुली छूट दे रखे है ताकि अपराध बढ़ सके ?

पत्रकारों पर फ़र्ज़ी मुकदमे और हमलो को देखते हुए ऐसा प्रतीत हो रहा है कि योगी द्वारा दिए गए बड़े बड़े बयान बे बुनियाद थे अगर ऐसा ही रहा तो योगी सरकार को अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए क्योकि जनतंत्र में राजा उसी को बनाने का अधिकार है जो प्रजा और उसके जनतंत्र का सही से ख्याल रख सके ?