लाइन में खड़े रह गए वरिष्ठ

ठाणे | ठाणे के पोखरण 2 रोड स्थित कृष्णाई हॉल के सामने कोरोना टीका लगाने के लिए लगभग एक सौ लोग लगातार 7 घंटे लाइन में खड़े रहे लेकिन सात घंटे बीत जाने के बाद भी मोबाइल वैन नहीं आया , जिस कारण बुजुर्ग नागरिकों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा तथा टीकाकरण के लिए मोबाइल वैन नहीं आने से बुजुर्गों में जबरदस्त आक्रोश था उन्होंने मनपा की प्रशासनिक व्यवस्था के खिलाफ जमकर आक्रोश व्यक्त किया और इसके साथ ही मनसे के विधि विभाग के ठाणे शहर अध्यक्ष स्वप्निल महिंद्रकर के नेतृत्व में विरोध आंदोलन भी किया गया |

बता दे कि शनिवार को सवेरे से ही एक सौ लोगों ने कोरोना टीका लेने के लिए कृष्णाई हॉल के सामने लाइन लगाए हुए थे , लगातार 7 घंटे बीत जाने के बाद भी मोबाइल वैन नहीं आई तो बुजुर्गों ने प्रशासन के खिलाफ आक्रोश व्यक्त किया , इसी बीच इस मामले को लेकर मनसे नेता स्वप्निल महिंद्रकर ने ठाणे मनपा आरोग्य अधिकारी से बात की तो उन्होंने कहा कि इस समस्या के लिए आप शिवसेना से बात करें , महिंद्रकर का कहना था कि इस मामले में शिवसेना कहां से आ गई , यह तो प्रशासनिक मामला है इसमें किसी भी राजनीतिक दल का हस्तक्षेप किस तरह हो सकता है जानकारी के अनुसार शनिवार को ठाणे शहर में कुल 35 टीकाकरण केंद्रों पर लोगों को कोरोना टीका लगाया गया , इसमें पांच टीका केंद्रों पर 45 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के लोगों को कोरोना का दूसरा टीका लगाया गया , कहां गया है कि पोखरण रोड 2 स्थित कृष्णाई हॉल के सामने एक सौ लोगों का टीकाकरण के लिए सूची पहले ही सार्वजनिक कर दी गई थी , जिस कारण वरिष्ठ नागरिकों ने सवेरे से ही आना शुरू किया और वह लाइन में परेशानियों को झेलने के बाद भी खड़े रहे , किसी किसी बुजुर्ग की स्थिति इतनी गंभीर थी कि उन्हें सहारा देकर उठाना और बैठाना पड़ रहा था , सात घंटे बीत जाने के बाद प्रशासनिक स्तर पर कहा गया कि कोरोना टीका ही उपलब्ध नहीं है जिस कारण बुजुर्ग नागरिकों ने निराशा की स्थिति में अपने विरोध का इजहार किया , मनसे के जनहित और विधि विभाग शहर अध्यक्ष स्वप्निल महिंद्रकर ने मनपा प्रशासन को इस बात के लिए लतारा कि उन्होंने बुजुर्ग नागरिकों के टीकाकरण के लिए नियोजन व तैयारी नहीं की , जिस कारण यह स्थिति आई , उन्होंने मांग की है कि बुजुर्गों के टीकाकरण को प्रशासन नियोजनबद्ध तरीके से अंजाम दे अन्यथा ऐसे ही बुजुर्ग नागरिकों को कोरोना टीका के लिए घंटों घंटे परेशानियां झेलनी पड़ सकती है |

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