लाकडाउन फोर में अलविदा जुमा और ईद के दिन घर में पढ़ें नमाज़ – मौलाना इकबाल मिस्वाहि

गोरखपुर / जोखन प्रसाद |    पूरा दुनिया में कोविड-19 वायरस का प्रकोप जारी है और हर देश कोरोना से परेशान है मुल्क हिन्दुस्तान भी इस महामारी और जानलेवा बीमारी से दो-चार है , ऐसे हालात में हिन्दुस्तानी मुसलमान माननीय प्रधानमंत्री जी के आह्वान पर इस बीमारी से लड़ने में अपना पूरा-पूरा योगदान देते नज़र आये और तब से लगातार सारी नमाजें अपने घरों में अदा कर रहे हैं यहाँ तक कि नमाज़े जुमा भी पवित्र माहे रमज़ान अब समाप्ति की ओर है , 22 मई को पड़ने वाला जुमा रमज़ान महीने का आख़िरी जुमा है , एक समय होता था , कितनी रौनक़ रहती थी मस्जिदों में , कितना धूमधाम, कितनी चहल पहल होती थी , एक तरफ़ ईद के आने की ख़ुशी तो दूसरी तरफ़ रमज़ान के विदाई का ग़म भीगी पलकों से हर मुसलमान अलविदा माहे रमज़ान कहता था , आँखों से आँसू छलक उठते थे ख़ैर आज बदला-बदला सा समाँ है, शायद रब को यही मन्जूर है कि उसकी इबादत कुछ दिन उसके घर (मस्जिद) में ना करके अपने घरों में करें , सभी मुसलमानों से मैं यह अपील कर रहा हूँ और जैसे इतने दिनों से लगातार हम सारी नमाज़ों के साथ-साथ जुमा के दिन अपने घरों में नमाज़े जुहर अदा कर रहे हैं   |

ठीक उसी तरह अलविदा जुमा के दिन भी अपने घरों में नमाज़े जुहर अदा करें, क्योंकि अलविदा जुमा की कोई विशेष नमाज़ नहीं होती, बल्कि बाक़ी जुमा की नमाज़ की तरह ही होती है , सभी मुसलमानों को ईद की अग्रिम हार्दिक बधाई देते हुए मैं यह गुज़ारिश कर रहा हूँ कि आने वाले इत्तवार या सोमवार को जब भी ईद का दिन पड़े तो लगभग 8.30 बजे सुबह में नहा-धो कर साफ़ कपड़े पहन कर अपने-अपने घरों में 4 रकात या 2 रकात नफ्ल नमाज़ अदा करें और सलाम फेरने के बाद 34 मर्तबा अल्लाहु अकबर-अल्लाहु अकबर ज़रूर पढ़ें , बहारे शरीयत में है कि बाद नमाज़े ईद 4 रकात नफ्ल नमाज़ घर में पढ़ना अफ़ज़ल है , वैसे भी चाश्त के वक़्त में 4 रकात नमाज़ पढ़ने की हदीसों में बड़ी फ़ज़ीलत आयी है हजरत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम जब ईदगाह से वापस आते तो घर में 2 रकात नमाज़ पढ़ते आज जब हमें ईदगाह जाने में मजबूरी है तो रसूल की सुन्नत पर अमल और भी ज़रूरी है ।

अल्लाह से उम्मीद है कि हमारे दिलों में मस्जिद और ईदगाह जाने की जो तड़प और जमाअत से नमाज़ अदा करने की जो ललक है, इसकी बदौलत हमें मस्जिद की हाज़िरी और जमाअत दोनों का पूरा-पूरा सवाब मिलेगा हमें चाहिए कि अपने घरों उपरोक्त तरीक़े से नमाज़ अदा करें, पूरी दुनिया ए इन्सानीयत के लिए कोरोना जैसी जानलेवा बीमारी से छुटकारा के लिए अल्लाह से दुआ करें, बहुत सिम्पल तरीक़े से ईद मनाये, ज़रूरतमन्दों और ग़रीबों की ज़्यादा से ज़्यादा मदद करें दूसरों के होंठों पर मुस्कान ला कर जो ख़ुशी मिलेगी वही आपकी अस्ल ईद होगी  ।