लॉकडाउन के वजह से भारत नेपाल सीमा पर तड़पते मरीज

सोनौली / महाराजगंज  |    भारत-नेपाल बॉर्डर सील होने का खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ रहा है सीमा पर इन दिनों अपने देश जाने के लिए नेपाल निवासी मरीज पहुंच रहे हैं भारत से उनको सीमा तक का पास मिल रहा है , लेकिन सीमा पार करने की अनुमति लेने में घंटों और कभी-कभी पूरा दिन लग जा रहा है इस दौरान मरीज तड़पते रहते हैं और उनके परिजन बेबस एक-दो मामलों में एंबुलेंस चालक भी देरी की बात कहकर मरीजों को सड़क पर ही छोड़कर जा चुके हैं मंगलवार को गुजरात के तापी जिले से नेपाली नागरिक रामप्रसाद मोतीलाल शर्मा अपने बच्चे व पत्नी के संग सोनौली पहुंचे रामप्रसाद गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं और उनकी नाक में दवा व भोजन के लिए नली लगी थी लेकिन सीमा पार करने की अनुमति के लिए वे कड़ी धूप में सड़क के किनारे परिवार के साथ पड़े रहे ।

जैसे-तैसे अनुमति के इंतजार में यह परिवार खड़ा रहा नेपाल के बुटवल निवासी मंगल राई कोलकाता से दोनों किडनी ट्रांसप्लांट कर मंगलवार को लौटे उनको सड़क पर आठ घंटे तक रहना पड़ा, तब जाकर उन्हें नेपाल जाने की अनुमति मिल पाई गंभीर मरीजों के लिए विशेष व्यवस्था की मांग सोनौली के समाजसेवी सोनू गुप्ता ने कहा कि दोनों के देशों के प्रशासन को तत्काल गंभीर मरीजों के लिए विशेष व्यवस्था करनी चाहिए, ताकि वे शीघ्र घर पहुंच सकें, कहा कि भारतीय एंबुलेंस सीमा तक मरीजों को छोड़ देती है नेपाल से जब दूसरी एंबुलेंस आती है , तब मरीज उस पर जाता है।

सीमा पार करने की अनुमति देने में जल्दी दिखानी होगी किसी मरीज के सीमा पर आने के बाद नेपाल के बेलहिया चौकी पर सूचना दी जाती है वहां के अधिकारी रूपनदेही सीडीओ को मेल करते हैं और सीडीओ कार्यालय से मरीज के जिले से सूचना ली जाती है कागजात चेक किए जाते हैं , जिसमे काफी समय लगता है जिससे मरीजों के जान को खतरा बढ़ जाता है   ।

रतनपुर से विनय त्रिपाठी की रिपोर्ट