लॉकडाउन में ड्यूटी के साथ निभा रहे बेटे का फर्ज, इस इंस्पेक्टर के जज्बे को सलाम

मऊ रामशाला भदोही ।   कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में लॉकडाउन के दौरान यूं तो पूरा पुलिस महकमा अपना फर्ज निभाने में जुटा हुआ है , लेकिन भदोही जिले मे ज्ञानपुर तहसील के अभोली ब्लॉक के ग्राम सभा मउरामशाला मे कोरोना महामारी के बचाव के लिए ग्राम प्रधान नहीं बल्कि मउरामशाला के मूल निवासी व उत्तर प्रदेश पुलिस में इंस्पेक्टर पद पर कार्यरत अजय शुक्ला ने हर कार्य में अपनी अहम भूमिका निभा रहे हैं बताते चलें कि कुछ दिन पहले मऊ राम साला ग्राम सभा में मुंबई से कुछ श्रमिक मजदूर आये हुए है जिनमे से मउरामशाला ग्रामीण निवासी सुरेश कन्नौजिया ने बताया की जब हम लोग मुम्बई से अपने गाँव आये तो हम लोगो का जिला प्रशासन व डॉक्टरो द्वारा थर्मल स्कैनिंग जांच कर हम लोगो को डॉक्टरों द्वारा 15 दिन के लिए क्वॉरेंटाइन होने के लिए कहा गया जिससे हम लोग मऊ रामशाला गांव के ग्राम प्रधान द्वारा अपने गांव मऊरामशाला में बने जूनियर हाई स्कूल में रहने के लिए कहा गया ।
जब हम लोग क्वॉरेंटीन होने के लिए मऊराम शाला में बने जूनियर हाई स्कूल में रहने के लिये गये तो वहां पर किसी भी प्रकार की व्यवस्था नहीं थी ब्यवस्था न होने पर जब हम लोगों ने ग्राम प्रधान से कहा तो ग्राम प्रधान ने इस बात पर कोई भी प्रतिक्रिया नहीं दी जिसके कारण हम लोग मजबूर होकर बगीचे मे शरण लेने के लिये जा रहे थे की जूनियर हाईस्कूल में अव्यवस्था की बात की खबर मउरामशाला के मूल निवासी इंस्पेक्टर अजय शुक्ला जिनकी तैनाती वर्तमान समय मे लखनऊ मे है को मिली तो उन्होंने जूनियर हाई स्कूल में तुरंत बिजली, खाट , बिस्तर व खाने की व्यवश्था कराकर हम लोगो जूनियर हाई स्कूल में ही रहने के लिये कहा जिससे गांव में किसी भी प्रकार का संक्रमण न फैल सके और गांव पूरी तरीके से सुरक्षित रहे अजय शुक्ला ने अपनी ड्यूटी के साथ अपने गाँव को भी कोरोना मुफ्त करने मे हर तरह हर सम्भव प्रयास कर के सभी आवश्यक आवश्यकता की सुविधा को अपने ग्राम सभा के मुल निवासी शिवकुमार सिंह के माध्यम से पुरा करा रहे हैं और प्रतीदिन शाम को सभी लोग से फोन पर सम्पर्क साध कर मुंबई से आए श्रमिक मजदूरों हाल पूछते है की किसी को भी किसी प्रकार की समस्या तो नहीं है ।
इतना ही नही यह अपने खाकी’ के फर्ज के साथ -साथ अपने बेटे होने का भी फर्ज बखूबी निभा रहे हैं अजय शुक्ला ने बताया कि इस महामारी में हम लोगों को एक दूसरे का सहायता निस्वार्थ भाव से करना चाहिए जिससे लोग खुश व सुरक्षित होकर अपने अपने घरों में रह सके और इस तरह का संघर्ष देश में लाकॅ डाउन तक जारी रहेगा क्योकि हर आदमी को अपने गाँव के मिट्टी व लोगो के प्रति बहुत लगाव होता है जिससे हम लोग जागरूक होगे तभी कोरोना हारेगा इस महामारी में लोगों की मदद करने की जरूरत है ना कि सिर्फ अपना निजी स्वार्थ व वोटबैंक बनाने के लिए ।