लॉक डाउनलोड में दाल रोटी खाओ प्रभु के गुण गाओ-डॉ.अरूण विजय

ठाणे।  जैन मुनि डॉ. अरुण विजय ने कहा कि दाल रोटी खाओ प्रभु के गुण गाओ , उन्होंने बताया कि 21 दिन का प्रथम चरण का लोक डाउन पूरा हो गया, दूसरे चरण के भी कुछ दिन बीत चुके हैं , आखिर सरकार भी क्या करें ? मजबूर है, न चाहते हुए भी और तालाबंदी के दूसरी तरफ नुकसान आदि का काफी विचार-विमर्श करने के बावजूद भी मजबूर होकर लोक डाउन बढ़ाने के सिवाय सरकार के पास कोई विकल्प ही नहीं है, अतः आखिर सरकार को सामाजिक हथियार का उपयोग करना अनिवार्य है , प्रथम चरण के 21 दिन के लोक डाउन का फायदा भारत देश ने देखा है , तथा विश्व के अन्य देशों तथा विश्व की डब्ल्यू एच ओ ने भी प्रशंसा की है, बहुत बड़ी दीर्घ दृष्टि का सही समय पर सही सटीक निर्णय करके प्रधानमंत्री ने लोक डाउन जल्दी किया यह बहुत ही सही निर्णय था, ऐसी प्रशंसा की ।
कड़क फैसला करना कठिन फैसला करना और वह बहुत कम समय में कर लेना यह भारत के प्रधानमंत्री मोदी की विशेषता है,  पहचान है , यह बहुत बड़ी बात है 130 करोड़ की आबादी वाला इतना बड़ा देश है इतने बड़े देश के हित में इतना बड़ा इतना कड़ा फैसला यथाशीघ्र लेना यह प्रधानमंत्री की दूरदर्शिता और अनुभव आदि का फायदा देश को हुआ है,  सर्वांगीण परिस्थिति का अभ्यास करके शीघ्र निर्णय फैसला लेना यह बहुत बड़ी विशेषता है , लोक डाउन के प्रथम चरण में मृत्यु का आंक बहुत कम ही रहा, अन्य देशों की तुलना में भारत में बहुत छोटा है ।

क्या यह बहुत बड़ी उपलब्धि नहीं है ? जब कोई दवाई है ही नहीं, जब कोई चिकित्सा ही उपलब्ध नहीं है, किसी भी पद्धति सै रोकथाम में सफलता नहीं मिलती है, तब आखिरी हथियार ही लोक डाउन रहता है क्योंकि संक्रमितों की चिकित्सा करना इतनी बड़ी बात नहीं है उससे ज्यादा लाख गुनी बड़ी बात है नए लोगों को संक्रमित होने ही न देना ,  इस बस, इस निती को को प्राधान्यता देने के लिए लोकडाउन अनिवार्य है , अब जनता को सहयोग करने का फैसला भी करना चाहिए ,  हम घरों में रहकर दाल रोटी खाएंगे और प्रभु के गुण गाते रहेंगे, लेकिन मर्यादा नहीं तोड़ेंगे , जब जनता के हित में है तो फिर जनता को सहयोग करना ही चाहिए अपने धैर्य का परिचय देना चाहिए ।